इधर जिलेभर के चिकित्सकों ने बैठकों का आयोजन किया। साथ ही एक दूसरे से संपर्क के जरिए भी जयपुर तक हो रही वार्ता की ओर ध्यान दिया। उन्होंने रेस्मा लागू होने के कारण मोबाइल स्विच ऑफ करने और सामूहिक अवकाश पर गायब होने की बात कही।
कई चिकित्सक रविवार को ही मुख्यालय से गायब हो गए। गुजरात और अन्य स्थानों पर पहुंचे है। चिकित्सकों ने ग्रामीण क्षेत्रों से रवाना होने की जानकारी ग्रामीणों को भी नहीं बताई। राज्य सरकार से वार्ता सकारात्मक होने पर ही चिकित्सकों के लौटने की स्थिति रहेगी।
सोमवार को गिड़ा एवं बालोतरा, 7 को सिवाना एवं कल्याणपुर, 8 को धनाऊ पंचायत समिति में आयोजित होने वाले स्वास्थ्य जांच शिविर को स्थगित किया गया। प्राइवेट अस्पताल में भी संकट
जिला मुख्यालय सहित अन्य कई जगह प्राइवेट अस्पताल में भी संकट आ गया है। यहां सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक सेवाएं देते हैं। अब रेस्मा लागू होने के कारण छुपना होगा। लिहाजा यहां पर भी सेवाएं नहीं दे पाएंगे। इस स्थिति में निजी अस्पतालों में भी चिकित्सकों का टोटा रहेगा।
चिकित्सकों के सामूहिक इस्तीफे और अवकाश की स्थिति से निपटने के लिए वैकल्पिक इंतजाम किए गए है। आयुष चिकित्सकों को ड्यूटी पर लगाया है। प्रशिक्षु भी आएंगे। इसके अलावा सभी अन्य स्टाफ को अलर्ट किया है।- डॉ. कमलेश चौधरी, सीएमएचओ बाड़मेर
आयुष के चिकित्सक आए हैं। कंपनियों के चिकित्सक भी है। संकट तो रहेगा लेकिन जो इंतजाम किए है उसके तहत कार्य करेंगे।- डॉ. बी एल मंसूरिया, पीएमओ राजकीय चिकित्सालय