बाड़मेर

गर्मी में बढ़ रही डेयरी प्रोडक्ट की मांग, इतने प्रतिशत बढ़ी छाछ और लस्सी की डिमांड

भीषण गर्मी में डेयरी उत्पादों की मांग दोगुने से ज्यादा हो गई है। अप्रेल से जून तक बाजार में छाछ, लस्सी, श्रीखंड आदि की बिक्री बढ़ गई है। मिल्क पार्लर पर स्थिति यह हो रही है कि स्टॉक खत्म हो जाता है।

बाड़मेरMay 15, 2024 / 03:21 pm

Akshita Deora

भीषण गर्मी में डेयरी उत्पादों की मांग दोगुने से ज्यादा हो गई है। अप्रेल से जून तक बाजार में छाछ, लस्सी, श्रीखंड आदि की बिक्री बढ़ गई है। मिल्क पार्लर पर स्थिति यह हो रही है कि स्टॉक खत्म हो जाता है। जहां दिन में कभी भी दूध, दही, छाछ और लस्सी मिल रही थी, अब वहां पर दोपहर तक माल खत्म हो रहा है। भीषण गर्मी ने डेयरी पर मिलने वाले उत्पादों की मांग बढ़ी है।
गर्मी से राहत और लू से बचाव को लेकर ठंडे पेय पदार्थ की इन दिनों खूब मांग है। छाछ और दही पैकिंग के अलावा स्थानीय स्तर पर बनाए गए उत्पाद की बिक्री काफी हो रही है। कई मिल्क पार्लर ने भी खुद के ब्रांड बना लिए है। ऐसे में उत्पाद की क्वालिटी बेहतर करने से डिमांड लगातार बढ़ रही है।
मिल्क पार्लर संचालक हरीश बताते हैं कि डेयरी पर दूध की मांग पूरी करने के साथ ही लस्सी, छाछ और श्रीखंड बनाने पर कई व्यापारी गर्मी की सीजन में ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। इसमें भी सबसे अधिक डिमांड दही और छाछ की है। वहीं लस्सी की बिक्री भी काफी है। छही और छाछ गर्मी की सीजन में हर घर में रोजाना उपयोग होता है। बाजार में लस्सी रेंज के हिसाब से 30 से लेकर 60 रुपए प्रति गिलास में बिक रही है। कंपनियों की लस्सी 35 से 40 रुपए तक में मिल रही है। इसी तरह 500 एमएल छाछ का पैके 17 से 20 रुपए में मिल जाता है। डिमांड को देखते हुए ज्यादा उत्पादन किया जा रहा है। कई बार तो व्यापारियों को भी डिमांड के अनुसार माल नहीं मिलता है।

तीन महीने में हो जाती है साल भर की कमाई

डेयरी के जानकार बताते है कि अप्रेल से जून महीने में ही छाछ, लस्सी और दही से साल भर की कमाई हो जाती है। कंपनियों के साथ स्थानीय स्तर पर उत्पाद तैयार करने वाले व्यापारी भी गर्मी की सीजन में तीन महीनों पर खास फोकस रखते है। इन तीन महीनों में गर्मी का असर सबसे ज्यादा होता है और खपत अचानक से बढ़ जाती है। ऐसे में पहले से ही माल तैयार कर लिया जाता है। स्थानीय स्तर पर व्यापारी ऑर्डर और डिमांड के अनुसार माल तैयार करते है।

कोल्ड-ड्रिंक को ना, छाछ को हां

गर्मी में कोल्ड ड्रिंक को लोग पसंद कम करने लगे है। अब छाछ और लस्सी सभी की पहली पसंद बन गई है। बच्चे, युवा और बुजुर्गों को भी डेयरी के पेय पदार्थ भा रहे है। कोल्ड ड्रिंक की बिक्री भी गर्मी में अब कोई खास नहीं हो रही है।

जून मध्य तक बनी रहेगी डिमांड

वैसे जो छाछ, लस्सी को सालभर पिया जाता है। लेकिन गर्मी के दिनों में डिमांड बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। खासतौर से मार्च महीने से रोजाना सेवन करने वाले लोग बढ़ जाते हैं। इसके बाद लगातार इसकी मांग बढ़ती जाती है और गर्मी के दिनों में इसे घरों-घर पिया जाता है। इसी वजह से सालभर में मार्च से जून तक दोनों पेय पदार्थ को बिक्री सबसे अधिक होती है।

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