बाड़मेर के पूनियों का तला गांव के निवासी उमेदाराम बेनीवाल साधारण परिवार से है। खेती और मजदूरी के साथ जीवन की शुरूआत कर वे सरकारी नौकरी मेें वर्ष 1995 में दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल लगे और करीब 10 साल तक सेवाएं दी। खास बात यह रही कि 2005 में जब पुलिस कांस्टेबल की सेवा छोड़कर आए तब दिल्ली संसद मार्ग के थाने में थे। जहां सांसदों का आना-जाना इस मार्ग से लगा रहता था। यहां ड्युटी करने वाले उमेदाराम का मन दिल्ली की इस नौैकरी में नहीं लगा तो व्यापार का मानस बना लिया। यहां आकर हैण्डीक्राट का काम प्रारंभ किया। व्यापार चल पड़ा औैर दो पैसे कमा लिए।
सरपंचाई
गांव पूनियों का तला में ग्राम पंचायत के चुनाव में पत्नी पुष्पा सरपंच बनी। यहां से उमेदाराम की भी राजनीति शरू हुई। 2010 से 2015 तक सरपंच रहे। यह भी पढ़ें
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रालोपा से विधायक का चुनाव लड़ा
2018 और 2023 में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से बायतु विधानसभा से विधायक का चुनाव लड़ा और मामूली अंतर से दोनों बार हार गए।अब सांसद और उसी थाने के आगे से जाएंगे
संयोग देखिए कि 2024 में रालोपा छोड़कर कांग्रेस में आए। सांसद का टिकट मिला और चुन लिए गए है। उमेदाराम दिल्ली वापिस जाएंगे तो अपने उसी थाने के आगे से संसद पहुंचेंगे। जहां वे 2010 में सांसदों को आते-जाते देखते थे। उमेदाराम कहते हैै कि दिल्ली छोड़कर आया था। दिल्ली ने फिर बुला लिया। यह संयोग है।10 साल बाद कांग्रेस की वापसी, 10वें कांग्रेसी सांसद उमेदाराम
कांग्रेस के दसवें सांसद उमेदाराम बने है और यह दस साल बाद कांग्रेस की वापसी हैै। अब तक हुए 18 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का यहां दबदबा रहा है। यह भी पढ़ें