बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अधीन संचालित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के तहत सरकार की कर्ज माफी 2018 व 2019 में जीएसएस स्तर पर किसानों की कर्जमाफी के दौरान व्यवस्थापकों ने अवधिपार हुए खातों में मूलधन के साथ ब्याज राशि जोड़ दी। बैंक के पोर्टल पर आंकड़े अपलोड होने के बाद फिंगर प्रिंट करते ही कर्जमाफी हो गई। लेकिन मूलधन के साथ ब्याज जुडऩे वाले किसानों के बैंक खातों को अवधिपार मान लिया। बाड़मेर जिले के ऐसे 50 हजार किसानों को तीन साल से ऋण नहीं मिल रहा था, जबकि हर साल इन्हें करीब 100 करोड़ का खरीफ ऋण मिलता था। उसके बाद लगातार किसानों की मांग पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने अवधिपार किसानों को ऋण उपलब्ध एक कमेटी का गठन किया, कमेटी के रिपोर्ट के बाद ऋण वितरण करने के निर्देश दिए है। लेकिन ग्राम सेवा सहकारी समितियों ने किसानों के साख सीमा के आवेदन तो प्राप्त कर लिए, लेकिन ऋण वितरण नहीं किया गया है। जबकि 31 जुलाई पीएम बीमा योजना की अंतिम तिथि है। किसानों को अब दस दिन में ऋण नहीं मिला तो किसान बीमा योजना से भी वंचित रह जाएंगे।
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फैक्ट फाईल
– 1 लाख 95 हजार ऋणी किसान
– 293 ग्राम सहकारी समितियां है जिले में
– 50 हजार के करीब अवधिपार ऋणी
– 650 करोड़ अब तक किसानों को ऋण वितरित
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– तीन साल से नहीं मिला ऋण
कर्ज माफी योजना में लाभ मिलने के बाद तीन साल से ऋण नहीं मिला है। अभी सरकार के आदेश के बाद आवेदन तो लिए है, लेकिन ऋण के लिए चक्कर काट रहे है। ऋण नहीं मिला तो बीमा भी नहीं होगा। – मुल्तानसिंह, किसान
– सरकार के आदेश अधरझूल
सरकार ने दो माह पहले अवधिपार किसानों को ऋण वितरण करने के निर्देश दिए, लेकिन बाड़मेर में अभी तक अवधिपार एक भी किसान को ऋण नहीं मिला है। यह आदेश महज दिखावा बनकर रह गया है। – देवीसिंह भाटी, अध्यक्ष, जीएसएस, हरसाणी
– आवेदन लिए है,
अवधिपार किसानों को फसली ऋण उपलब्ध करवाने के लिए आवेदन लिए है। जल्द ऋण मिलेगा। बीमा भी हो जाएगा, वंचित नहीं रहेंगे। – रामसुख, प्रबंध निदेशक, दी बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक, बाड़मेर