जिला संयोजक समुंदर सिंह ने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति के लिए सभी वस्तुओं, सेवाओं का उत्पादन देश में होने पर देशवासियों के लिए रोजगार का सर्जन, नियमित आय की प्राप्ति और सरकार को कर राजस्व में वृद्धि होगी। कश्मीरीलाल ने देश के युवाओं के लिए रोजगार, कृषि, उद्यमों के संरक्षण की बात कहते हुए चीन के माल के लिए ना भाई ना कहने का नारा दिया।
उन्होंने कहा कि भारत के आत्म निर्भर बनने, गरीबी से मुक्त करने, सभी को रोजगार व गांवों के विकास का जो संकल्प है, वह संकल्प जब तक पूरा नहीं होगा तब तक हम स्वदेशी वस्तुओं को नहीं अपनाएंगे। उन्होंने कहा कि बाजार में सामान खरीदते समय सामान के निर्माण के बारे में भी सोचना चाहिए। चाइना के सामान का पूर्ण बहिष्कार के आह्वान करने से करीब 7 वर्षों में हम चीन से विदेशी व्यापार घाटा 64 अरब डालर से 44 अरब डालर तक ले आए हैं। हम बटन से लेकर बंदूक तक देश में न केवल निर्माण करेंगे बल्कि उनकी बिक्री भी करेंगे और होली से लेकर दीपावली तक के त्योहार हमारे साथ में गरीब व्यक्ति भी हंसी खुशी के साथ में मीठे धान के साथ में मनाएगा ।
उन्होंने जिले के ढाई सौ गांवों के किसानों को आत्मनिर्भर करने के बारे में भी विचार करने के लिए आह्वान किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों, मातृशक्ति, किसानों से स्वदेशी अपनाने को लेकर सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया गया। भारतीय किसान संघ से दलाराम चौधरी ने जैविक खेती पर, भारत विकास परिषद के प्रदेश संरक्षक ताराचंद जाटोल, विद्या भारती से भगवानदास मालू, विद्यार्थी परिषद से भोमसिंह सुंदरा, जिला परिषद सदस्य उगमसिंह गिराब, सरपंच महेंद्र सिंह हरसाणी, अशोकसिंह खारची, भाजपा मंडल अध्यक्ष देवीसिंह भाटी, पुरुषोंतमदास खत्री, स्वदेशी जागरण मंच के विभाग संयोजक उगम सिंह लूणा आदि उपस्थित थे।