कहां-कहां से लिए नमूने
पहले दिन आइसीयू, मेडिसिन और पीडिया वार्ड में भर्ती सांस की तकलीफ वाले कुल 7 रोगियों के नमूने लिए है। सभी नमूनों को जांच के लिए भेज दिया गया है। अभी भर्ती रोगियों के ही नमूने लिए गए है। जिनकी आरटीपीसीआर जांच होगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निर्देश मिलने पर जिला अस्पताल की ओपीडी में भी कोविड-19 के नमूने लिए जाएंगे। फिलहाल भर्ती रोगियों के नमूने लिए जा रहे है। नमूने की रिपोर्ट गुरुवार सुबह आएगी।
पॉजिटिव केस की होगी जीनोम सिक्वेंसिंग
आरटीपीसीआर जांच में कोविड पॉजिटिव केस मिलने पर सैम्पल को जीनोम सिक्वेंसिंग करवाई जाएगी। इसके लिए बाड़मेर से नमूने मेडिकल कॉलेज जोधपुर की माइक्रोबायोलॉजी लैब को भेजे जाएंगे।
30 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार
राजकीय जिला अस्पताल में 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनाया है। न्यू टीचिंग बिल्डिंग में आइसोलेशन वार्ड अस्पताल प्रबंधन ने पहले से ही तैयार कर दिया था। कोविड पॉजिटिव केस मिलने पर रोगी को इसमें शिफ्ट किया जाएगा। यहां संक्रमितों को भर्ती करने के लिए सभी तैयारियां कर दी गई है।
यह है नया वैरिएंट
जेएन-1 सार्स कोव-2 का एक उप प्रकार है। यह कोरोना का नया वर्जन है। डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन सेंटर (सीडीसी) की जानकारी के मुताबिक कोरोना का यह सबवेरिएंट, ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट एसए 2.86 का ही वंशज है। हालांकि नए वेरिएंट को काफी खतरनाक माना जा रहा है। अभी तक के मामलों में पाया गया है कि ये वेरिएंट इम्यून सिस्टम को भी चकमा दे सकता है।
ओपीडी में सांस की दिक्कत वाले रोगी बढ़े
वर्तमान में राजकीय अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों में सीवियर रेस्पिरेटरी डिजीज के लक्षण नजर आ रहे है। अस्पतालों में निमोनिया के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। चिकित्सकों के अनुसार यह सभी फैक्टर कोरोना को बढ़ा सकते हैं। इसलिए अभी से सतर्कता बरतना जरूरी है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में आरटीपीसीआर जांच होनी चाहिए। जिससे बीमारी बढऩे से पहले ही संदिग्ध मरीजों की पहचान हो पाए।
कोविड-19 की सैम्पलिंग शुरू
सीएमएचओ बाड़मेर डॉ. सीएस गजराज ने बताया कि बाड़मेर में कोविड-19 के नमूने लेने का काम बुधवार से शुरू कर दिया है। पहले दिन 7 नमूने लिए गए है, जिनकी आरटीपीसीआर जांच मेडिकल कॉलेज बाड़मेर में होगी। नमूने भेज दिए गए है। लोग भी कोविड-19 को लेकर सावधानी बरते और नियमों का पालन करें। जिससे संभावित खतरे से बचा जा सके।