बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदराम बेनीवाल के समर्थन में प्रचार के दौरान दिग्गज नेता हेमाराम चौधरी ने रविंद्र सिंह भाटी को खिज्योड़ो ऊंट अर बो भी बिना मोरी को यानि बेलगाम पागल ऊंट बताया। उन्होंंने कहा कि रविंद्र सिंह भाटी को जब किसी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय खड़े हो गए। उन्हें रीति-नीति में कोई विश्वास नहीं है। उनका मकसद सिर्फ विधायक बनना था और इससे भी संतोष नहीं हुआ तो अब सांसद बनना उनका मकसद है।
उन्होंने कहा कि भाटी कहते हैं कि हम ऐसे-ऐसे काम करेंगे और आसमान से तारे तोड़ लाएंगे। लेकिन, मैं कहना चाहता हूं अकेले कैसे तारे तोड़ सकते है। पार्टी की मजबूती से ही सब काम होते है। कार्यकर्ताओं का आहृवान करते हुए हेमाराम चौधरी ने कहा कि हम सभी को मजबूत रहना है और कांग्रेस प्रत्याशी को विजयी बनाना है। बता दें कि बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर बीजेपी के कैलाश चौधरी, आरएलपी छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए उम्मेदराम बेनीवाल और निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा।
कांग्रेस नेता हेमाराम चौधरी का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें वो रविंद्र सिंह भाटी पर तंज कसते नजर आ रहे है। उनके बेलगाम पागल ऊंट वाले बयान से राजस्थान में सियासत गरमाई हुई है। यूजर्स का कहना है कि रविंद्र सिंह भाटी ने राजनीति के अलावा क्षेत्र के विकास के बारे में कभी नहीं सोचा और अब अपणायत की नीति वाले युवा का विरोध कर रहे हैं। वहीं, एक यूजर्स ने लिखा कि ये नेता सोच रहे हैं कि झुंड बनाकर वोट लेंगे। लेकिन, इनको पता नहीं कि रविंद्र सिंह भाटी अकेला ही काफी है। इसके अलावा भी अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया सामने आ रही है।
भाटी पर तंज कसने वाले हेमाराम चौधरी वहीं नेता हैं, जिन्हें पिछले साल जनता विधानसभा चुनाव लड़ाना चाहती थी और समर्थकों ने रो-रोकर उनके सामने पगड़ी रख दी थी। लेकिन, उन्होंने ने भी अपनी पगड़ी जनता के सामने रखते हुए चुनाव लड़ने से साफ इनकार कर दिया था। हेमाराम चौधरी मारवाड़ के कद्दावर किसान नेता होने के साथ-साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता हैं। सचिन पायलट गुट के हेमाराम चौधरी गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके है। इससे पहले वो गहलोत सरकार में राज्य मंत्री रहे थे। हेमाराम चौधरी ने आठ बार विधानसभा चुनाव लड़ा और 6 बार बड़े अंतर से जीते। हालांकि, दो बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वो वसुंधरा राज में नेता विपक्ष की भूमिका भी निभा चुके हैं।