चौधरी रामदान जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने नसीहत दी कि और लोग भी इस नशे को छोड़ दे। हेमाराम ने कहा कि मैं विधानसभा नहीं लड़ा। इसके बाद से बहुत सुखी हूं। मान सम्मान में कोई कमी नहीं हैै। मुझे मान सम्मान की ही भूख रही है। यह मुझे मिल रहा है। हमे चुनाव लडूं तो सैंग किए कराए माथे पाणी फेर दूं, यानि अब मैं चुनाव लड़ता हूं तो सब पर पानी फिर जाएगा। उन्होंने कहा कि नए लोगों को मौका देने की बात कह रहे है। मैं किसको मौका दूं, मेरे हाथ में कुछ नहीं है। मैं अब इस नशे से दूर हूं।
बता दें कि चौधरी रामदान की 141वीं जयंती किसान छात्रावास में पूर्व केबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी के मुख्य अतिथ्य एवं बायतु विधायक हरीश चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि हेमाराम चौधरी ने कहा कि जो विचार करो उस मजबूत रहो मन को काबू रखना चाहिए। चौधरी रामदान मन को काबू में रखते थे, जिसकी बदौलत वे आज याद किए जाते है। उन्होंने कहा कि नशा जीवन का नाश करता है। नशे का त्याग करना चाहिए। आगे बढ़ने के लिए मेहनत आवश्यक है। प्रतियोगी परीक्षा में सही अभ्यर्थी का चयन हो ताकि प्रतिभा के साथ धोखा न हो।