नगर परिषद के नए बोर्ड को गठित हुए पौने दो साल बीत गए है, लेकिन अब तक समितियों का गठन नहीं हो पाया है। जबकि राजस्थान नगर पालिका अधिनियम के तहत बोर्ड गठन के 90 दिन में समितियों का गठन होना अनिवार्य है। समितियों का गठन नहीं होने से कई तरह के विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। साथ ही विपक्ष की ओर से कई बार पत्र लिखकर समितियों के गठन को लेकर मांग कर चुका है। इसके बावजूद कोई निर्णय नहीं हुआ है।
यह होता है समिति का कार्य
समितियों का गठन होने के बाद नगर परिषद क्षेत्र में होने वाले संबंधित कार्य समिति से स्वीकृति लेने के बाद होता है। समितियों का गठन नहीं होने की स्थिति में सम्पूर्ण समितियों का कार्य सभापति संभाल रहे है।
—
यह होती है समितियां
राजस्थान नगर पालिका अधिनियम- 2009 के अनुसार बोर्ड गठन के 90 दिन में स्थानीय निकायों में समितियों का गठन करने का प्रावधान है। इनमें एक्जुकेटिव, कार्यपालक, निर्माण, स्थापना, वित्त, रोशनी, उद्यान, परिवहन, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति, नियम एवं उप विधि, समझौता एवं अपराधों का समन समिति व महिला उत्पीडऩ रोकथाम समिति प्रमुख है। सभापति अपने विवेक के आधार पर अन्य कमेटियों का गठन भी कम जिम्मेदारी सौंप सकता है।
—
– गठन नहीं हुआ है
बाड़मेर नगर परिषद में समितियों का गठन नहीं हुआ है। नगर पालिका एक्ट के अनुसार तीन माह में समितियों का गठन करना अनिवार्य है। अब जल्द विधायक से सलाह लेकर कमेटियों का गठन किया जाएगा। – सुरतानसिंह, उप सभापति, नगर परिषद, बाड़मेर
– विकास नहीं चाहते है
कांग्रेसनीत बोर्ड शहर का विकास नहीं चाहता है। हमने कई बार पत्र लिखकर कमेटियों के गठन को लेकर अवगत करवाया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आपसी फूट के चलते समितियों का गठन नहीं हुआ है। – पृथ्वी चण्डक, प्रतिपक्ष नेता, नगर परिषद, बाड़मेर
—