माणक हॉस्पीटल, कल्याणपुरा मार्ग नम्बर 4 की गली, तेरापंथ भवन के आगे होते हुए साध्वी मृगावतीश्री आदि ठाणा-3 जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन पहुंचे व साध्वी समयगुणाश्री आदि ठाणा-2 गुणसागरसूरि साधना भवन पहुंचे। जहां-जहां से सामैया गुजरा वहां-वहां नगरवासियों ने बधाया।
अच्छी संगति व्यक्ति का मन व चित निर्मल करती- साध्वी मृगावतीश्रीजी ने जिनकांतिसागर सूरि आराधना भवन में धर्मसभा मे कहा कि चातुर्मास हमारे अंतर्मन के अंधकार को दूर करने का प्रकाश स्तंभ है। जो त्याग हम चातुर्मास के दौरान करते हैं, उसे जीवन भर के लिए अपनाने का प्रयास करें तो मनुष्य जीवन सार्थक बन जाएगा। अच्छी संगति व्यक्ति का मन व चित निर्मल करती है। व्यक्ति के जीवन में आनंद का उत्सव बना रहता है और दिन प्रतिदिन उसके व्यक्तित्व में निखार आता है।
चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ने बताया कि जितेन्द्र बांठिया, डॉ. बी.डी. तातेड़, वीरचंद भंसाली, डॉ. रणजीमल जैन, एडवोकेट अमृतलाल जैन, कैलाश मेहता, एडवोकेट मुकेश जैन सहित कई वक्ताओं ने विचार व्यक्त किए। संचालन सोहनलाल संखलेचा ‘अरटी’ ने किया।