राज्य में तीन साल से 1000 बेटों पर 948 बेटियों का जन्म
– बाड़मेर में साल 2020 में प्रदेश में सर्वाधिक 984 बेटियों का जन्म- सवाईमाधोपुर में सबसे कम 901- बांसवाड़ा 1003 से 981 पर आया
राज्य में तीन साल से 1000 बेटों पर 948 बेटियों का जन्म
बाड़मेर. रक्षाबंधन पर्व पर यह गौर करने लायक आंकड़ा सामने आया है कि पिछले तीन साल से राज्य में बेटियों के जन्म का ग्राफ 1000 बेटों पर 947-48 पर ही है। तीन साल पहले 2018 में 947 बेटियों का जन्म हुआ था, 2019 में 948 और 2020 में यह आंकड़ा 947 रहा है। सुखद स्थिति बाड़मेर जिले के लिए है जो इस 2020 में 1000 पर 984 बेटियों के जन्म पर प्रदेश में सबसे अगाड़ी है, ऐसा पहली बार हुआ है।
बेटियों के जन्म पर तमाम सुविधाएं, आधुनिक सोच और सरकारी योजनाओं के परिलाभ के बावजूद भी लिंगानुपात तीन साल से स्थिर है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार राज्य में तीन साल से लिंगानुपात में सुधार नहीं है।
विभाग लक्ष्यों से रहा दूर
कोरोना के दो साल के दौरान चिकित्सा महकमा पूर्ण रूपेण कोरोना केन्द्रित रहा। ऐसे में बेटियों के जन्म को लेकर प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं के सभी कार्यक्रम भी प्रभावित रहे है। सरकारी स्कूलों में चलने वाली योजनाएं भी बंद रही है, ऐसे में लिंगानुपात को लेकर सुधार का आंकड़ा तीन साल से कम रहा है। विभागीय अधिकारी मानते है कि कोरोनाकाल नहीं होता तो यह आंकड़ा अधिक होता।
पांच साल में राज्य का यों रहा ग्राफ (1000 बेटों पर बेटियों का जन्म)
2015-885
2016-939
2017-943
2018-947
2019-948
2020-947
पांच जिले जहां 2020 में सर्वाधिक बेटियों का जन्म
बाड़मेर-984
बांसवाड़ा-981
बीकानेर-976
हनुमानगढ़-976
झुंझुनू-976
पांच जिले 2020 में सबसे कम बेटियां पैदा हुई
सवाईमाधोपुर-901
कोटा-916
चित्तौडगढ़-922
टोंक-925
सिरोही-926
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