प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में कक्षा पहली से आठवीं में अध्ययनरत बच्चों को राज्य सरकार की ओर से निशुल्क यूनिफॉर्म दी जाती है। प्रत्येक विद्यार्थी को दो ड्रेस का कपड़ा मिलता है। वहीं, सिलाई की राशि सीधे खाते में जमा होती है। इस बार जुलाई से नियमित शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है, लेकिन करीब चार माह बाद भी यूनिफॉर्म का कपड़ा नहीं मिला है। सरकार ने अब तक इसकी घोषणा भी नहीं की है। ऐसे में चिंता यह है कि सरकार कब तो घोषणा करेगी और कब कपड़ा स्कूलों में पहुंचेगा। इसके बाद वितरण होगा तब जाकर बच्चों की ड्रेस सिलेगी। हालांकि इसके साथ ही सिलाई के दो सौ रुपए भी बाद में मिलेंगे, लेकिन कपड़ा मिल जाएगा तो अभिभावक अभी अपने स्तर पर ही ड्रेस सिलवा देंगे।
पिछले सत्र की सिलाई अब मिली
पिछले शिक्षा सत्र में प्रति विद्यार्थी 200 रुपए के हिसाब से एक अरब एक करोड़ रुपए करीब 50 लाख विद्यार्थियों को बकाया थे, जिसको देने के आदेश सरकार ने चंद दिन पहले ही जारी किए गए हैं। गौरतलब है कि पिछले सत्र 23-24 में अध्यनरत कक्षा 1 से 8 के 66 लाख विद्यार्थियों को निशुल्क यूनिफॉर्म मिली थी। उसमें से 50 लाख की सिलाई बकाया थी यानी केवल 16 लाख को ही सिलाई राशि पूर्व में मिली थी।
इस सत्र में करीब साठ लाख बच्चे
विभागीय जानकारी के अनुसार इस सत्र में सरकारी विद्यालयों में करीब साठ लाख बच्चे अध्ययनरत हैं। इसमें से कक्षा पहली से पांचवीं तक 1752333 बालिकाएं, 1608002 बालक व 791 ट्रांसजेंडर हैं। वहीं कक्षा छठी से आठवीं तक 1239673 बालिकाएं, 1076185 बालक व 49 ट्रांसजेंडर हैं। इनको निशुल्क यूनिफॉर्म देनी है। करीब आधा सत्र बीत गया है और अभी तक यूनिफॉर्म नहीं मिली है। सरकार जल्द ही यूनिफॉर्म का कपड़ा वितरित करें जिससे कि स्कूलों में ड्रेस कोड लागू किया जा सके।
- बसंतकुमार जांणी, जिलाध्यक्ष राजस्थान वरिष्ठ शिक्ष संघ रेस्टा बाड़मेर
राज्य सरकर यूनिफॉर्म को लेकर शीघ्र निर्णय करें, जिससे कि बच्चों को ड्रेस मिल सके। पिछले सत्र की सिलाई राशि भी अब मिली है। संगठन सरकार से मांग करेगा।
- छगनसिंह लूणू, प्रदेशाध्यक्ष प्राथमिक राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम
यूनिफॉर्म वितरण का निर्णय सरकार का स्तर पर होता है। हमारे पास अभी तक यूनिफॉर्म का कपड़ा नहीं पहुंचा है। जब आएगा तो वितरण कर दिया जाएगा।
- जेतमालसिंह राठौड़, एडीईओ मुख्यालय माध्यमिक शिक्षा बाड़मेर