मौसम पूर्वानुमान:
बुधवार को सूर्योदय 5:59 बजे हुआ और सूर्यास्त 6:13 बजे होगा। बारिश के कारण बरेली का मौसम दिनभर ठंडा और सुहावना रहेगा। अगले कुछ दिनों में मौसम के खुलने और धूप निकलने की उम्मीद है।
बुधवार को सूर्योदय 5:59 बजे हुआ और सूर्यास्त 6:13 बजे होगा। बारिश के कारण बरेली का मौसम दिनभर ठंडा और सुहावना रहेगा। अगले कुछ दिनों में मौसम के खुलने और धूप निकलने की उम्मीद है।
बांग्लादेश के ऊपर बना वायु दाव : पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है और यह एक गहरे में तब्दील हो चुका है। यह बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के पास केंद्रित है और अगले 48 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल और झारखंड के क्षेत्रों को पार करेगा। मानसून की द्रोणिका अब गंगानगर, हिसार, दिल्ली, बरेली, बहराइच, पटना होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इसके अलावा, सौराष्ट्र क्षेत्र में समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में दबाव क्षेत्र:
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बना निम्न दबाव क्षेत्र अब कमजोर हो गया है, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ अभी भी 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर देखा जा रहा है। इस विक्षोभ का असर उत्तर भारत के कई क्षेत्रों पर हो सकता है।
उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बना निम्न दबाव क्षेत्र अब कमजोर हो गया है, लेकिन पश्चिमी विक्षोभ अभी भी 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर देखा जा रहा है। इस विक्षोभ का असर उत्तर भारत के कई क्षेत्रों पर हो सकता है।
इन जिलों में जोरदार बारिश की संभावना:
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, अम्बेडकरनगर, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर और संत कबीर नगर में जोरदार बारिश की संभावना जताई है।
मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के बस्ती, कुशीनगर, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, अम्बेडकरनगर, बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संत रविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गोरखपुर और संत कबीर नगर में जोरदार बारिश की संभावना जताई है।
इस मौसम के दौरान लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है, क्योंकि बारिश से जलभराव और फसलों पर भी असर पड़ सकता है।