सपा में हलचल वीरपाल यादव और शहला ताहिर के इस कदम से बसपा और समाजवादी पार्टी में हलचल बढ़ गई है। वीरपाल यादव जिले में सपा का चेहरा माने जाते रहें है और करीब 21 साल तक जिलाध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज रहें। वीरपाल के सपा में ऊँचे कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुलायम सिंह यादव ने उन्हें राजयसभा भी भेजा। वीरपाल यादव ने सपा छोड़ते हुए कहा था कि वो मुलायमवादी है और पिछले 40 वर्षों से नेता जी के साथ जुड़े हुए हैं। वीरपाल की सपा के पुराने नेताओं में अच्छी पकड़ है इस वजह से उनके इस फैसले के बाद सपा का संगठन डैमेज कंट्रोल में जुट गया है।
नवाबगंज में अच्छी पकड़ बसपा को अलविदा कहने वाली शहला ताहिर की नवाबगंज विधानसभा क्षेत्र में अच्छी पकड़ है और वो मौजूदा समय में नगर पालिका की चेयरमैन भी इसके पहले भी वो इस पद पर काबिज रह चुकी है। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी वो नवाबगंज से आईएमसी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरी थी और 36 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए थे।उसके बाद हुए नगर निकाय के चुनाव में शहला ताहिर भाजपा जिलाध्यक्ष के छोटे भाई की पत्नी को चुनाव में हराया और नगर पालिका परिषद नवाबगंज की चेयरमैन चुनी गईं।