बरेली

राहुल गांधी, अमर सिंह और संजय दत्त जैसी हस्तियों से भी नहीं मिले थे अजहर मियां

यहां जानिए इस्लाम धर्म के बड़े धर्म गुरु और बरेलवी मसलक के अलम्बरदार मुफ़्ती अख्तर रजा खां कादरी अजहरी मियां के बारे में अनसुनी बातें

बरेलीJul 21, 2018 / 10:56 am

धीरेंद्र यादव

Azhari Miyan

बरेली। इस्लाम धर्म के बड़े धर्म गुरु और बरेलवी मसलक के अलम्बरदार मुफ़्ती अख्तर रजा खां कादरी अजहरी मियां का लम्बी बीमारी के बाद शुक्रवार को इंतकाल हो गया। उनके इंतकाल की सूचना पर बरेलवी मसलक में शोक की लहर दौड़ गई। अजहरी मियां के अंतिम दर्शन के लिए देश के कोने कोने से लोग बरेली पहुंच रहे है साथ ही विदेशों में रह रहे उनके मुरीद भी बरेली आ रहे है। रविवार को इस्लामिया मैदान में नमाज ए जनाजा होगी। अजहरी मियां ने खुद को हमेशा मजहबी मामलों तक ही सीमित रखा। सियासत और दुनियावी चमक दमक का माहौल उन्हें कभी भी मजहबी और तालीम के दायरे से बाहर नही खींच पाया। न जाने कितनी राजनैतिक हस्तियां उनकी चौखट तक आईं, लेकिन वो कभी उनसे प्रभावित नहीं हुए और न ही उन्हें तवज्जो दी। तमाम सियासी लोग उनकी चौखट पर आए, लेकिन उन्होंने मिलने से ही मना कर दिया। हालांकि मजहबी मामलों में उन्हें कभी कुछ गलत होता दिखा तो उन्होंने पूरी शिद्दत से इसके खिलाफ आवाज बुलंद की। इंदिरा गांधी हुकूमत में नसबंदी के आदेश का भी उन्होंने आपातकाल लागू होते हुए भी खुलकर विरोध किया था।
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एमएलसी बनने से किया मना
अजहरी मियां की सियासी मामलात में दिलचस्पी नहीं थी। यह उन्ही की मजबूती थी कि आला हजरत के उर्स में सियासी तकरीरों पर पूरी तरह से रोक रहती है। पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के आला हजरत खानदान से अच्छे रिश्ते थे। अपने शासन काल मे उन्होंने अजहरी मियां को एमएलसी बनाने की पेशकश की थी, जिसे अजहरी मियां ने कबूल नहीं किया। 1989 में गवर्नर उस्मान आरिफ ने भी उन्हें एमएलसी बनाने की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था।
नेताओं से नहीं मिले
अजहरी मियां ऐसी शख्सियत थे कि हर कोई उनसे मिलना चाहता था। तमाम सियासी लोगों ने भी उनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने दिलचस्पी नहीं दिखाई। कई साल पहले राहुल गांधी ने अपनी पद यात्रा के दौरान अजहरी मियां से मिलने की कोशिश की थी, लेकिन अजहरी मियां ने उनसे मिलने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसी तरह से तत्कालीन सपा के वरिष्ठ नेता अमर सिंह और संजय दत्त भी मियां से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मायूसी हाथ लगी। सियासत से प्रभावित हुए बगैर उन्होंने सियासत का मजहबी मामलों में दखल का हमेशा विरोध किया। उन्होंने नसबंदी के खिलाफ फतवा भी जारी किया था। तमाम दबाव पड़ने के बाद भी उसे वापस नहीं लिया था।
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टॉप 50 प्रभावशाली मुस्लिमों में शामिल थे अजहरी मियां
दुनिया भर के खास मुस्लिम चेहरों में बरेलवी धर्मगुरू मुफ्ती मोहम्मद अख्तर रजा खां उर्फ अजहरी मियां दुनिया भर के प्रभावशाली मुसलमानों में टॉप 50 में शामिल थे। ओमान की द रॉयल इस्लामिक स्टे्रटजिक स्टडी सेंटर (आरआईएसएससी) ने एडिशन 2016 के टॉप-50 की सूची में दुनिया भर के प्रभावशाली मुसलमानों के नाम जारी किए थे, जिसमें अजहरी मियां को 25 वां स्थान मिला था।

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