ये भी पढ़ें Triple Talaq Bill : मुस्लिम औरतों को बिल से नहीं मिलेगा कोई फायदा- अहसन मियां करेंगे जागरूक तीन तलाक बिल पास होने के बाद मीडिया को जारी किए गए बयान में मौलाना शाहबुद्दीन ने कहा कि तीन तलाक एक साथ देना समाज के अन्दर की बुराई थी। इस बारे में उलमा और मस्जिदों के इमाम बराबर आगाह व बताते रहे हैं मगर समाज का एक बहुत बड़ा तबका इनकी बातो पर अमल करता नजर नहीं आया जिसकी सज़ा पूरी कौम को इस तौर पर मिली है।अब भी समाज में सुधार की बहुत जरूरत है। उन्होंने कहा कि तन्ज़ीम बहुत जल्द रुहेलखंण्ड क्षेत्र के उलमा व मशा़ईक, मस्जिदो के इम़ाम व मदरसों के संचालक और मुस्लिम संगठनों के पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाने जा रही है जिसमें समाज के अन्दर आई बुराईयों पर खात्मे की रणनीत बनायीं जाएगी।
ये भी पढ़ें ‘मुस्लिमों की सबसे बड़ी कमजोरी तीन तलाक, सरकार ने दुख्ती़ नब्ज पर हाथ रखा’ बिल का किया स्वागत मौलाना ने आगे कहा के देश में अब दो तरह के कानून का पालन होगा। एक वो कानून जो कुरान व हदीस के मुताबिक है दूसरा वो कानून जो संसद द्वारा पास किया गया है ऐसी सूरत मे मुस्लिम समाज में बड़े पैमाने पर टकराव की सूरत पैदा होगी जिससे बहुत सारी समस्या उत्पन्न हो जायेगी उसकाे सम्भाल पाना समाज के जिम्मेदारो के लिए बहुत मुश्किल होगा। बेहतर तो यह होता कि मुस्लिम महिलाओं के उत्थान और शिक्षा व स्वास्थ्य के मैदान में नयी योजनाए लाकर पढा लिखा बनाया जाता और उनको अपने पैरों पर खड़ा किया जाता मगर यह सब न करके मुस्लिम समाज की कमजोर नब्ज पर हाथ रखके कानून बना दिया गया है। बरहाल हम सांसद द्वारा पारित कानून का स्वागत करते है।