कार्यशाला का किया गया आयोजन
कार्यशाला का उद्घाटन एडीजी रमित शर्मा और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ राहुल मिश्रा ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस दौरान मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष साइबर सुरक्षा की अहमियत पर जोर दिया गया। कार्यशाला का शीर्षक “साइबर सुरक्षा सुदृढ़ीकरण: साइबर अपराधों का मुकाबला करने के लिए पुलिसकर्मियों को सशक्त बनाना” था, जिसमें पुलिसकर्मियों को नवीनतम तकनीकी ज्ञान और साइबर अपराध की पहचान, रोकथाम, और जांच के तरीकों पर जानकारी दी गई।एडीजी का संदेश और साइबर थानों पर जोर
एडीजी रमित शर्मा ने कहा कि आज के डिजिटल युग में तकनीक ने जहां सुविधाएं बढ़ाई हैं, वहीं इसके दुरुपयोग से साइबर अपराध भी बढ़ रहे हैं। विशेषकर वित्तीय धोखाधड़ी जैसी घटनाओं के मद्देनज़र उन्होंने पुलिसकर्मियों से पीड़ितों की शिकायतों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने का आह्वान किया। उन्होंने साइबर थानों में शिकायतों को सही तरीके से दर्ज करने और पीड़ितों को ट्रैकिंग से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने की जरूरत पर भी बल दिया।साइबर हेल्प डेस्क और जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान
कार्यशाला में एडीजी रमित शर्मा ने साइबर हेल्प डेस्क को अधिक सक्षम बनाने की बात की। उनका कहना था कि पुलिसकर्मियों को साइबर अपराध के हर पहलू को समझने और जनता को जागरूक करने में सक्षम होना चाहिए। इसके साथ ही एडीजी ने साइबर अपराधों के रोकथाम के लिए समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता बताई ताकि आम लोग खुद को साइबर अपराधों से सुरक्षित रख सकें।
विशेषज्ञों के टिप्स और प्रशिक्षण
कार्यशाला में विशेषज्ञ राहुल मिश्रा ने पुलिसकर्मियों को साइबर अपराधों की प्रकृति और उनके प्रकारों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने साइबर अपराधों से निपटने की तकनीकों पर भी गहन जानकारी दी। साथ ही उन्होंने बताया कि साइबर अपराध सिर्फ तकनीकी ज्ञान से ही नहीं बल्कि समाज में व्यापक जागरूकता से भी नियंत्रित किए जा सकते हैं।