ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा उजागर
अगस्त में डीएम और डीआईओएस के पास वंदना वर्मा के खिलाफ फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई गई थी। दो महीने तक चली जांच में यह पाया गया कि वंदना ने दो अलग-अलग पैन कार्ड का इस्तेमाल कर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न बैंकों से बड़ी धनराशि का लोन लिया। उनके पैन कार्ड का उपयोग कर सरकारी विभागों और बैंकों को चूना लगाने के पुख्ता साक्ष्य मिले। जांच अधिकारी की रिपोर्ट में बताया गया कि उन्होंने इस फर्जीवाड़े के जरिए बड़ी आर्थिक अनियमितता को अंजाम दिया।
डीआईओएस के निर्देश पर कार्रवाई
जांच रिपोर्ट डीआईओएस को सौंपी गई, जिन्होंने दोषी पाए जाने पर प्रबंधक को निलंबन की अनुशंसा की। प्रबंधक अनिल कुमार ने प्रबंध समिति की जांच रिपोर्ट और डीआईओएस के निर्देशों के आधार पर शिक्षिका को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। जांच में यह पुष्टि हुई कि वंदना वर्मा ने जानबूझकर दो पैन कार्ड का उपयोग किया और दोनों राज्यों के बैंकों से लोन लेकर नियमों का उल्लंघन किया। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए यह मामला संबंधित अधिकारियों को भी सौंपा जा सकता है। यह मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। शिक्षिका के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इस प्रकार का फर्जीवाड़ा बैंकों और विभागों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।