पांच साल से पेट दर्द की समस्या 31 वर्षीय युवती, जो सुभाषनगर करगैना की निवासी है, पिछले पांच साल से पेट दर्द की समस्या झेल रही थी। परिवार वालों ने बताया कि उन्होंने कई निजी अस्पतालों में इलाज कराया और दो लाख रुपये से अधिक खर्च कर दिए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ। आखिरकार, वे जिला अस्पताल पहुंचे। वहां चिकित्सक ने सीटी स्कैन कराने की सलाह दी। जांच के बाद आमाशय में बालों का एक गुच्छा दिखाई दिया, जिसके बाद 22 सितंबर को उसे अस्पताल में भर्ती किया गया। 26 सितंबर को ऑपरेशन कर डॉक्टरों ने उसके पेट से 2 किलो बालों का गुच्छा निकाला।
16 साल की उम्र से खा रही थी बाल मनोचिकित्सक डॉ. आशीष कुमार के अनुसार, काउंसलिंग के दौरान युवती ने बताया कि वह 16 साल की उम्र से अपने बाल खाने लगी थी। पिछले 15 वर्षों में ये बाल पेट में इकट्ठा होकर गुच्छे के रूप में जमा हो गए थे। डॉक्टर के अनुसार, ट्राइकोलोटोमेनिया से पीड़ित व्यक्ति अपने सिर के बाल तोड़कर खाता है। युवती की काउंसलिंग कुछ महीने तक जारी रहेगी और परिवार को भी निगरानी के लिए कहा गया है।
जिला अस्पताल में आया पहली बार ऐसा मामला जिला अस्पताल की एडी एसआईसी डॉ. अलका शर्मा ने बताया कि अस्पताल में ट्राइकोलोटोमेनिया के किसी मरीज की सर्जरी इससे पहले कब हुई थी, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है। पिछले 25 वर्षों में इस तरह का मामला सामने नहीं आया है। सर्जरी करने वाली टीम में वरिष्ठ सर्जन डॉ. एमपी सिंह, डॉ. अंजली सोनी, डॉ. मुग्धा शर्मा, स्टाफ नर्स भावना, मनोचिकित्सक डॉ. आशीष कुमार और डॉ. प्रज्ञा माहेश्वरी शामिल थे।