ये भी पढ़ें भाजपा की जीत तीन तलाक पीड़ित महिलाओं की जीत- निदा खान triple talak bill” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/06/22/img-20161205-wa0028-1480943520_835x547_4740678-m.jpg”>90 प्रतिशत महिलाएं शरीयत पर करती है अम्ल मौलाना ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार अगर बिल में कुरान व हदीस मे बताये गये वसूल व ज़ावतो का ख़याल रखतीं है तो हम इस बिल का समर्थन करेगें। महिलाओं के साथ हो रही ज़ातियो व नाइन्साफ़ियो का निस्तारण केन्द्र सरकार व इस्लामिक संस्थानो को अवश्य करना चाहिए। केंद्र सरकार को संसद में तीन तलाक पर कानून बनाने की जरूरत क्यों पेश आयी ये गम्भीर सवाल इस्लामिक संस्थानो के जिम्मेदारों पर उठता है। अगर मुस्लिम महिलाओं के मसाइल को हल करने के लिए ये लोग गम्भीर होते तो घर के मसले को घर ही में हल करने की कोशिश करते तो ये मुस्लिम महिलाएं थाना पुलिस व कोर्ट कचहरी नहीं जाती क्यों कि 90फीसद महिलाए इस्लामी शरियत पर अम्ल करती है।