स्मार्ट सिटी परियोजना में बनवाए गए गांधी उद्यान में भूलभुलैया, म्युजिक फाउंटेन काफी समय से बनकर तैयार है लेकिन उनका अधिकृत संचालन नहीं हो पा रहा है। भूलभुलैया में घूमने वालों के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया लेकिन इसके बावजूद व्यवस्था नहीं चल पा रही है।
डीडीपुरम में फूडकोर्ट और मल्टीलेबल कार पार्किंग भी तैयार है लेकिन उसका
भी संचालन नहीं हो पा रहा है। इन प्रोजेक्टों की जिम्मेदारी अभी स्मार्ट सिटी कंपनी के पास ही है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों के रखरखाव और मरम्मत का खर्च उठा रही है। अर्बन हाट, स्काईवॉक, तांगा स्टैंड को छोड़कर स्मार्ट सिटी की सभी परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं।
डीडीपुरम में फूडकोर्ट और मल्टीलेबल कार पार्किंग भी तैयार है लेकिन उसका
भी संचालन नहीं हो पा रहा है। इन प्रोजेक्टों की जिम्मेदारी अभी स्मार्ट सिटी कंपनी के पास ही है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों के रखरखाव और मरम्मत का खर्च उठा रही है। अर्बन हाट, स्काईवॉक, तांगा स्टैंड को छोड़कर स्मार्ट सिटी की सभी परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं।
प्रोजेक्ट चलाने के लिए मांगा रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल इन प्रोजेक्टों को चलाने के लिए अब स्मार्ट सिटी के अफसरों ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (प्रस्ताव के लिए अनुरोध) मांगा है। अखिल भारतीय स्तर पर मांगे गए प्रस्ताव के बाद कई बड़ी एजेंसियों के प्रस्ताव आने की उम्मीद जताई जा रही है। जो कंपनी प्रोजेक्टों को चलाने का ठेका लेगी उसे 15 साल के लिए संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। इस दौरान वह रखरखाव भी करेगा। स्मार्ट सिटी से सभी शर्तें तय होने के बाद प्रोजेक्टों से होने वाली आय एजेंसी अपने पास रखेगी। इसी माह यह तय हो जाएगा प्रोजेक्टों का संचालन कौन एजेंसी करेगी। ए सीईओ नगर निगम सुनील कुमार यादव ने बताया कि ठेकेदारों को लेकर नगर आयुक्त के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया गया था टेंडर निकाले गए हैं अनुभवी योग्य ठेकेदार मिलने पर नियमानुसार स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी।