रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. केपी सिंह मूल रूप से पंतनगर यूनिवर्सिटी के बायोफिजिक्स विभाग के प्रोफेसर हैं। इससे पहले वो प्रतिनियुक्ति पर चौधरी चरण सिंह कृषि यूनिवर्सिटी हिसार में कुलपति रहे। हिसार के बाद उन्होंने 17 अगस्त 2020 को रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला। तीन वर्ष बाद उन्हें 19 अगस्त 2023 को फिर से रुहेलखंड यूनिवर्सिटी का वीसी बना दिया गया। दोबारा वीसी बनने के बाद दो सितंबर 2023 को वीसी ने पंतनगर यूनिवर्सिटी में अपनी प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाने के लिए पत्र भेजा था। दो सितंबर को पंतनगर यूनिवर्सिटी ने जवाब में कहा कि आपकी प्रतिनियुक्ति अवधि नियमानुसार स्वीकार्य नहीं है। उनसे प्रतिनियुक्ति अवधि पूर्ण होने के बाद अपने पैत्रक विश्वविद्यालय में योगदान देने के लिए कहा गया था। यह भी कहा गया कि 15 फरवरी 2024 को प्रतिनियुक्ति अवधि पूरी होने के बाद भी आपने अब तक पंतनगर यूनिवर्सिटी में अपना योगदान नहीं दिया है। उल्टे 13 फरवरी को पत्र भेजकर प्रतिनियुक्ति अवधि को 31 अगस्त 2026 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है।
प्रतिनियुक्ति बढ़ाने का अनुरोध स्वीकारयोग्य नहीं पंतनगर यूनिवर्सिटी के मुख्य कार्मिक अधिकारी ने अपने कुलपति के निर्देश पर बीते महीने चार मार्च को एक बार फिर रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के कुलपति को पत्र भेजा। इसमें उन्होंने साफ कहा गया कि कुलपति ने प्रतिनियुक्ति बढ़ाने का आपका अनुरोध स्वीकार योग्य नहीं पाया गया। कुलपति के आदेशानुसार आपको फिर से सूचित किया जाता है कि आप तत्काल इस यूनिवर्सिटी में अपना योगदान देना सुनिश्चित करें। अन्यथा की स्थिति में आपके विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसमें सेवा समाप्त भी हो सकती है।
पंतनगर विश्वविद्यालय को संगत नियमों के तहत यह सूचित किया गया है कि मुझे 31 अगस्त 2026 तक रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के कुलपति का दायित्व दिया गया है। इसलिए उक्त तारीख तक मेरी प्रतिनियुक्ति अवधि बढ़ाने का कष्ट किया जाए। – प्रो. केपी सिंह, कुलपति रुहेलखंड यूनिवर्सिटी