प्रदर्शन करने की दी चेतावनी
व्यापारियों ने चेतावनी दी कि अगर समस्याओं का हल जल्द नहीं निकला तो बड़े आंदोलन की शुरुआत की जाएगी। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व पार्षद राजेश अग्रवाल ने किया, जिसमें व्यापारियों और करदाताओं ने मेयर और नगरायुक्त कार्यालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया।
व्यापारियों के आरोप
व्यापारियों का कहना है कि नगर निगम के टैक्स इंस्पेक्टर अपनी मनमानी कर रहे हैं और टैक्स वसूली के मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर तक स्वकर के फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गई है, लेकिन शहर के कई भवन अब भी कर निर्धारण सूची में सम्मिलित नहीं हैं। साथ ही, स्वकर फॉर्म को करदाता का अधिकार बताते हुए कहा गया कि इसे बंद नहीं किया जा सकता और यह प्रक्रिया हमेशा चालू रहनी चाहिए।
कॉमर्शियल टैक्स पर भी उठे सवाल
पार्षद राजेश अग्रवाल ने यह भी कहा कि जिन भवनों को किराए पर नहीं उठाया गया है, उन पर भी नगर निगम द्वारा व्यावसायिक टैक्स लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व में सदन में यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि ऐसे भवनों पर टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन अब कर बिल 5 गुना बढ़ाकर भेजे जा रहे हैं।
मैचिंग वाली भवनों की सूची को छुपाने का आरोप
राजेश अग्रवाल ने टैक्स विभाग पर आरोप लगाया कि कई भवनों की मैचिंग नहीं हुई है और इसके बावजूद कर निर्धारण सूची बना दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि आज तक कर निर्धारण सूची पर किसी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं मिले हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्दी ही करदाताओं का शोषण बंद नहीं हुआ, तो नगर निगम के खिलाफ जनता को साथ लेकर आंदोलन किया जाएगा।
प्रदर्शन में शामिल लोग
विरोध प्रदर्शन में प्रमुख रूप से शिवनाथ चौबे, मनजीत, राजीव मोहन, रोहित राजपूत, पम्मी वारसी, गौहर अली, संजय आनंद, महेश यादव, नदीम प्रिंस, दिनेश, मोहम्मद नासिर, अजीत अग्रवाल, अरुण शर्मा, अरविंद अग्रवाल, सुमन मेहरा, राजेश भाटिया, अंशु सक्सेना और कई अन्य लोग शामिल थे।