संतोष की चिट्ठी की भी चर्चा राजेश अग्रवाल राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहें रामलाल के करीबी नेताओं में से एक है। 13 जुलाई को रामलाल को इस पद से हटा दिया गया जिसके बाद राजेश अग्रवाल की भी उल्टी गिनती शुरू हो गई थी और महीने भर के भीतर उनसे वित्त मंत्रालय छिन गया। चर्चा ये भी है कि संगठन की उपेक्षा और स्थानीय नेताओं की अनदेखी ने उनको नुकसान पहुँचाया। अभी हाल में ही सम्पन्न हुए लोकसभा के चुनाव में भी राजेश अग्रवाल सक्रिय नहीं दिखाई दिए। इन दिनों केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की चिट्ठी भी चर्चा का केंद्र बनी जिसमे उन्हें कालीबाड़ी के विष्णु बाल सदन मतदान केंद्र के बूथ संख्या 290 पर भाजपा को पांच वोट मिलने पर आश्चर्य व्यक्त किया था।
भू माफियाओं पर नहीं की कार्रवाई वहीं सिंचाई मंत्री धर्मपाल से भी इस्तीफा ले लिया गया। सिंचाई मंत्री के जिले में ही नहर की जमीन पर कब्जा है लेकिन किसी भी बड़े भू माफिया पर कोई कार्रवाई नहीं की गई इसके साथ ही उनके विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग की भी काफी चर्चा रही है जिसके कारण धर्मपाल को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।