इस शर्त के साथ किया था विस्तारित
राज्यपाल को भेजे पत्र में कहा है कि दूसरे कार्यकाल के लिए पिछले साल 16 अगस्त को प्रो. केपी सिंह को कुलपति बनाया गया था। पंतनगर विश्वविद्यालय से प्रतिनियुक्ति अवकाश न मिलने के बावजूद उन्होंने कुलपति का कार्यभार एक सितंबर 2023 को ग्रहण किया। इससे पहले 16 अगस्त 2023 के पत्र के संदर्भ में उनकी पैतृक संस्था ने छह माह का प्रतिनिधि अवकाश इस शर्त के साथ विस्तारित किया था, कि सेवाकाल आगे नहीं बढ़ेगा। फिर भी सितंबर 2023 से 31 अगस्त 2026 तक अवकाश विस्तारित करने का पत्र पंतनगर विवि को भेजा गया, जिसे अस्वीकार कर दिया था।
राज्यपाल को भेजे पत्र में कहा है कि दूसरे कार्यकाल के लिए पिछले साल 16 अगस्त को प्रो. केपी सिंह को कुलपति बनाया गया था। पंतनगर विश्वविद्यालय से प्रतिनियुक्ति अवकाश न मिलने के बावजूद उन्होंने कुलपति का कार्यभार एक सितंबर 2023 को ग्रहण किया। इससे पहले 16 अगस्त 2023 के पत्र के संदर्भ में उनकी पैतृक संस्था ने छह माह का प्रतिनिधि अवकाश इस शर्त के साथ विस्तारित किया था, कि सेवाकाल आगे नहीं बढ़ेगा। फिर भी सितंबर 2023 से 31 अगस्त 2026 तक अवकाश विस्तारित करने का पत्र पंतनगर विवि को भेजा गया, जिसे अस्वीकार कर दिया था।
अनैतिक रूप से बने हैं कुलपति
मामला बीते दिनों चर्चा में था। इसमें प्रो. केपी सिंह की सेवा समाप्ति जैसी कार्रवाई की बात भी थी। प्रो. जेटली का कहना है कि प्रो. केपी सिंह अनैतिक रूप से कुलपति बने हैं। उन्होंने मामले की जांच की मांग की है। साथ ही, उन्होंने रुहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से उन पर की गई कार्रवाई को गलत बताते हुए उन्होंने अपना पेंशन, फंड जारी किए जाने की भी गुहार लगाई है। डॉ. अमित सिंह, मीडिया प्रभारी, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने बताया कि प्रो. एके जेटली जांच में गंभीर अनियमितताओं के दोषी पाए गए थे। उनके विरुद्ध आरोप सिद्ध हो चुके हैं। पूर्व में भी वह ऑफिसरों पर मनगढ़ंत आरोप लगा चुके हैं।
मामला बीते दिनों चर्चा में था। इसमें प्रो. केपी सिंह की सेवा समाप्ति जैसी कार्रवाई की बात भी थी। प्रो. जेटली का कहना है कि प्रो. केपी सिंह अनैतिक रूप से कुलपति बने हैं। उन्होंने मामले की जांच की मांग की है। साथ ही, उन्होंने रुहेलखंड विश्वविद्यालय की ओर से उन पर की गई कार्रवाई को गलत बताते हुए उन्होंने अपना पेंशन, फंड जारी किए जाने की भी गुहार लगाई है। डॉ. अमित सिंह, मीडिया प्रभारी, रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने बताया कि प्रो. एके जेटली जांच में गंभीर अनियमितताओं के दोषी पाए गए थे। उनके विरुद्ध आरोप सिद्ध हो चुके हैं। पूर्व में भी वह ऑफिसरों पर मनगढ़ंत आरोप लगा चुके हैं।