21.52 करोड रुपये का घोटाला आया था सामने
जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच सीडीओ की अध्यक्षता वाली एक समिति से कराई थी, जिसमें 21.52 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया। जांच में पीडब्ल्यूडी के अभियंताओं की भूमिका संदिग्ध पाई गई। शासन के आदेश पर तीन जूनियर इंजीनियर (जेई), एक सहायक अभियंता (एई), एक सेवानिवृत्त एक्सईएन और एक अमीन को निलंबित कर दिया गया था। इन्हें 15 दिनों में चार्जशीट जारी की जानी थी, लेकिन अब लगभग एक महीने बाद चार्जशीट तैयार कर ली गई है और जल्द ही इन्हें सौंप दी जाएगी। जांच में दोषी अभियंता और अमीन को संपत्तियों के मूल्यांकन में हुई गड़बड़ियों पर अपनी सफाई देने का अवसर दिया जाएगा।
पीडब्ल्यूडी की टीम ने 2.95 करोड़ किया था मूल्यांकन
रिंग रोड के सरनिया गांव में गाटा संख्या 156 पर बने गोदामों के मूल्यांकन में बार-बार अंतर सामने आ रहा था। सीडीओ की समिति ने इस मूल्यांकन की जांच के लिए पीडब्ल्यूडी एक्सईएन को जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रारंभिक मूल्यांकन में एक्सईएन ने गोदामों का मूल्य करीब 25 लाख रुपये बताया था, जबकि पहले एनएचएआई और पीडब्ल्यूडी की टीम ने इसी संपत्ति का मूल्य 2.95 करोड़ रुपये आंका था। इतनी बड़ी असंगति के चलते जिलाधिकारी ने पीडब्ल्यूडी के दो एक्सईएन से दोबारा मूल्यांकन कराया। पिछले महीने पेश की गई रिपोर्ट में गोदामों की कीमत 1.87 करोड़ रुपये बताई गई। इस पर 25 लाख का मूल्य बताने वाले एक्सईएन ने अपनी रिपोर्ट को गलत मानते हुए 1.87 करोड़ वाली नई रिपोर्ट को सही बताया और इसे अधिकारियों को भेज दिया। इस मुआवजा घोटाले में दोषी अभियंताओं के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ रही है।