जमीनी हकीकत: अलाव में सिर्फ धुआं
शनिवार रात 10:10 बजे नॉवेल्टी चौक पर अलाव जल रहा था, लेकिन गीली लकड़ियों के कारण केवल धुआं उठ रहा था। पास बैठे लोग ठंड से परेशान नजर आए। उन्होंने बताया कि टायर और कागज डालने के बाद भी लकड़ियां नहीं जल रही हैं। पुराने रोडवेज और पटेल चौक का भी यही हाल था। पटेल चौक स्थित स्थायी रैन बसेरे के बाहर अलाव जलाया गया था, लेकिन गीली लकड़ियां आग पकड़ने के बजाय धुआं ही दे रही थीं। वहीं, राहगीर पुराने टायर डालकर आग जलाने की कोशिश कर रहे थे। लोगों का कहना था कि लकड़ी इतनी गीली है कि इसे न डालना ही बेहतर है।
रैन बसेरों की दुर्दशा: खुले में सोने को मजबूर
नगर निगम द्वारा रैन बसेरों में व्यवस्था बनाने के लिए नोडल अफसर तैनात किए गए हैं। लेकिन शनिवार रात हकीकत कुछ और ही थी। नगर निगम कार्यालय से बरेली कॉलेज रोड तक फुटपाथ पर कंबल ओढ़े लोग ठंड में सोते मिले। जब उनसे बात की गई तो उन्होंने बताया कि पटेल चौक का रैन बसेरा पहले से ही भरा हुआ था, इसलिए उन्हें खुले में सोना पड़ा। पुराना रोडवेज स्थित अस्थायी रैन बसेरा भी पूरी तरह भरा था। लेकिन नोडल अफसर यह देखने तक नहीं आए कि ये लोग ठंड में कैसे रात गुजार रहे हैं।