वेतन रोकने के बाद कार्रवाई में तेजी
जिलाधिकारी के निर्देश पर 11 अक्टूबर को मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके मिश्र के वेतन को रोकने के आदेश दिए गए थे। सितंबर में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर गृहकर, पानी और अन्य करों की वसूली प्रगति की समीक्षा की गई, जिसमें जिले की रैंकिंग प्रभावित होने के चलते यह कदम उठाया गया। नगर निगम प्रशासन ने कर वसूली में कमी को गंभीरता से लेते हुए राजस्व निरीक्षकों को जवाबदेह बनाने का निर्णय लिया है।
नगर निगम ने सभी जोनों के जोनल अधिकारियों से उनके आवंटित वार्डों में निर्धारित वसूली लक्ष्यों की समीक्षा शुरू कर दी है। जो निरीक्षक वसूली लक्ष्यों में संतोषजनक प्रगति नहीं दिखा पाए हैं, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। प्रशासन का मानना है कि यह कदम वसूली में सुधार के लिए एक आवश्यक उपाय है।
टैक्स विभाग पर बढ़ा दबाव
विगत कुछ समय से टैक्स विभाग कम वसूली के कारण चर्चाओं में रहा है, जिससे नगर निगम की वित्तीय स्थिति और जिले की रैंकिंग पर असर पड़ा है। अब नोटिस जारी होने के बाद, राजस्व निरीक्षकों को लक्ष्यों को पूरा करने के लिए दबाव का सामना करना पड़ रहा है।
दीवाली बाद करना होगा जवाब दाखिल
दीवाली के बाद राजस्व निरीक्षकों से नोटिस का जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही यह भी कहा गया है कि वे गृहकर वसूली में तेजी लाएं। नगर निगम प्रशासन का यह कदम कर विभाग की जवाबदेही तय करने और शहर के राजस्व में सुधार लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।