शिकायत और जांच: करीब दो महीने पहले शिक्षिका के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए शिकायत की गई थी, जिसके बाद विभाग ने इसकी जांच शुरू कराई। जांच का जिम्मा इनायतपुर राजकीय हाईस्कूल की प्रधानाचार्य कुसुमलता को सौंपा गया। अब तक की जांच में यह सामने आया है कि शिक्षिका ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कई बैंकों से लोन लिया है। एक पैन कार्ड का उपयोग कर उसने 24 लोन लिए, जिनमें से 17 लोन की अदायगी तीन साल में कर दी गई। इन लोन में होम लोन, पर्सनल लोन और कार लोन शामिल थे।
दूसरा पैन कार्ड और लोन: शिक्षिका ने दूसरे पैन कार्ड का उपयोग कर तीन पर्सनल लोन और एक क्रेडिट कार्ड मंजूर कराए। इन लोन की कुल राशि 5 लाख से 33 लाख रुपये के बीच थी, और इनमें से एक लोन की अदायगी भी कर दी गई है।
वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा: शिकायतकर्ता के पत्र के अनुसार, शिक्षिका ने अपने अधिकृत पैन कार्ड का उपयोग कर 2.04 करोड़ रुपये और दूसरे पैन कार्ड से 20.68 लाख रुपये का लोन लिया है। इस मामले में जांच की भनक लगने के बाद बैंकों ने भी शिक्षिका के पैन कार्ड और दस्तावेजों की समीक्षा शुरू कर दी है।
प्रारंभिक निष्कर्ष:
जांच में यह पुष्टि हो चुकी है कि शिक्षिका ने अवैध रूप से दूसरा पैन कार्ड बनवाया था। इसके अलावा, यह देखा जा रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में लोन लेने के पीछे किसी तरह की धोखाधड़ी तो नहीं हुई है। जिला विद्यालय निरीक्षक देवकी सिंह ने कहा, “शिक्षिका के लोन प्रकरण की जांच कराई जा रही है। अगर वह दोषी पाई गई तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
जांच अधिकारी कुसुमलता ने कहा, “जांच अंतिम चरण में है, और आरोपों की लगभग पुष्टि हो गई है। जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को सौंपी जाएगी।”
जांच में यह पुष्टि हो चुकी है कि शिक्षिका ने अवैध रूप से दूसरा पैन कार्ड बनवाया था। इसके अलावा, यह देखा जा रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में लोन लेने के पीछे किसी तरह की धोखाधड़ी तो नहीं हुई है। जिला विद्यालय निरीक्षक देवकी सिंह ने कहा, “शिक्षिका के लोन प्रकरण की जांच कराई जा रही है। अगर वह दोषी पाई गई तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
जांच अधिकारी कुसुमलता ने कहा, “जांच अंतिम चरण में है, और आरोपों की लगभग पुष्टि हो गई है। जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को सौंपी जाएगी।”