क्या है पूरा मामला?
27 नवंबर को फरीदपुर तहसील में तैनात लेखपाल मनीष कुमार का अपहरण कर लिया गया था। परिजनों ने खल्लपुर गांव के एक जनप्रतिनिधि समेत कई लोगों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए फरीदपुर थाने में केस दर्ज कराया था। 15 दिसंबर को मिर्जापुर गांव के पास तालाब के किनारे एक कंकाल और कपड़े बरामद हुए। परिजनों ने कपड़ों के आधार पर मनीष की शिनाख्त की, लेकिन उन्होंने डीएनए जांच की मांग की थी।
17 दिसंबर को मृतक की मां मोरकली का ब्लड सैंपल डीएनए जांच के लिए लिया गया था। बाद में परिजनों ने इस जांच को हैदराबाद स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला से कराने की इच्छा जताई।
हैदराबाद से जांच की मांग पर दोबारा सैंपल लिया गया
गुरुवार को पुलिस ने लेखपाल की मां मोरकली और भाई का ब्लड सैंपल दोबारा लिया। सैंपल जिला अस्पताल में एकत्र किए गए। पुलिस के अनुसार, हैदराबाद स्थित प्रयोगशाला में डीएनए जांच के लिए परिवार के दो सदस्यों के सैंपल भेजे जाते हैं।पुलिस का बयान
मामले की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर फतेहगंज पश्चिमी प्रदीप कुमार चतुर्वेदी ने बताया,“परिजनों की मांग पर हैदराबाद विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए सैंपल दोबारा लिया गया है। अब दोनों सैंपल हैदराबाद भेजे जाएंगे, जिससे मृतक की पहचान की पुष्टि हो सके।”