810 ग्राम सोना बेचने के लिए दिया था
श्रुति खन्ना, निवासी मोहल्ला खन्नू, किला, ने बताया कि वर्ष 2020 में उन्होंने अपने पारिवारिक संबंधों के चलते पीलीभीत के कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला चौक निवासी सिद्धार्थ उर्फ सीखू अग्रवाल को 810 ग्राम पैतृक सोना बिक्री के लिए दिया था। सिद्धार्थ, उस समय बरेली में झनकार ज्वेलर्स और पीलीभीत में हरी ज्वेलर्स नाम से फर्म चला रहे थे। सोने की कुल कीमत करीब 34.5 लाख रुपये तय हुई थी। श्रुति ने बताया कि 2020 से 2023 के बीच सिद्धार्थ ने किश्तों में लगभग 14 लाख रुपये का भुगतान किया, लेकिन बाकी रकम को भी किश्तों में चुकाने की बात कहकर टाल दिया। इस बीच, सिद्धार्थ ने झनकार ज्वेलर्स को अचानक बंद कर दिया। श्रुति को जानकारी मिली कि उन्होंने व्यापारियों और ग्राहकों का पैसा हड़पने के लिए यह कदम उठाया।
दिसंबर 2023 में हो चुका है समझौता
दिसंबर 2023 में श्रुति ने सिद्धार्थ अग्रवाल की पीलीभीत स्थित फर्म पर संपर्क किया, जहां 19.20 लाख रुपये के बकाया भुगतान का समझौता हुआ। सिद्धार्थ ने हर महीने एक लाख रुपये देने का वादा किया। हालांकि, तीन महीने बाद उन्होंने भुगतान बंद कर दिया। श्रुति का आरोप है कि जब उन्होंने कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी, तो सिद्धार्थ और उनके पिता हरीसरन अग्रवाल ने फर्जी लीगल नोटिस भेजकर उन्हें धमकाना शुरू कर दिया। अब वे जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। आरोपियों पर लगे मुख्य आरोप:
- 15 लाख रुपये की ठगी: सिद्धार्थ ने सोना खरीदकर पूरी रकम नहीं चुकाई।
- फर्जी लीगल नोटिस और धमकियां: श्रुति को डराने और उनके पैसे हड़पने के लिए झूठे कानूनी नोटिस भेजे।
- फर्म बंद कर भागने की साजिश: ग्राहकों और व्यापारियों की रकम हड़पने के लिए झनकार ज्वेलर्स को बंद किया।