scriptइस जाति में पैदा होना मेरा कोई गुनाह है, परेशान जिला अस्पताल कर्मी ने की आत्महत्या | It is not my crime to be born in this caste, a distressed district hospital worker committed suicide, blaming the police, | Patrika News
बरेली

इस जाति में पैदा होना मेरा कोई गुनाह है, परेशान जिला अस्पताल कर्मी ने की आत्महत्या

जिला अस्पताल में कार्यरत सफाईकर्मी नीरज ने कहा कि इस जाति में पैदा होना मेरा कोई गुनाह है। इसके बाद दबंगों के उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली।

बरेलीOct 29, 2024 / 02:02 pm

Avanish Pandey

बरेली। जिला अस्पताल में कार्यरत सफाईकर्मी नीरज ने कहा कि इस जाति में पैदा होना मेरा कोई गुनाह है। इसके बाद दबंगों के उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली। नीरज की पत्नी नीतू ने कहा कि दबंगों ने उनके पति पर मकान बेचने का दबाव बनाया। इससे परेशान होकर नीरज ने जान दे दी। इस मामले में इज्जतनगर थाना में आत्महत्या के लिए उकसाने, एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। रामभरोसे, हरीश, और श्याम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने रामभरोसे और श्याम को हिरासत में ले लिया है, जबकि रामभरोसे का दूसरा बेटा हरीश वर्तमान में रांची में है।

जाति सूचक शब्दों से करते थे अपमानित, मकान बेचने का बना रहे थे दबाव

प्रेमनगर की वाल्मीकि बस्ती निवासी नीतू ने बताया कि उनके पति नीरज उर्फ बल्ले जिला अस्पताल में सफाईकर्मी थे और उन्होंने तीन साल पहले कैलाशपुरम, डेलापीर में राजवीर वर्मा और किरन वर्मा से 22 लाख रुपये में एक मकान खरीदा था। आरोप है कि पड़ोस में रहने वाले एक दबंग व्यक्ति और उसके दो बेटे मकान पर कब्जा जमाना चाहते थे और नीरज पर मकान बेचने का दबाव बना रहे थे। शुक्रवार को नीरज मकान किराये पर देने के लिए एक आशा कार्यकर्ता के साथ कैलाशपुरम गए थे, जहां रास्ते में आरोपियों ने उनसे गाली-गलौज और जातिसूचक शब्द कहे। इस उत्पीड़न से हताश होकर नीरज ने आत्महत्या कर ली।

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