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महिला ने कहा कि मैंने अपनी पसंद के आदमी से शादी की है। मेरे माता-पिता ने एक फर्जी शिकायत दर्ज कराई कि मेरा अपहरण कर लिया गया था और शादी के लिए मजबूर किया गया, जो गलत है। मेरी 22 फरवरी को बरेली में शादी हुई थी और मैं अपने पति के साथ खुश हूं। मैं अपना शेष जीवन उसके साथ बिताना चाहती हूं। महिला ने राहत के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी और 21 सितंबर को अपने पति और उसके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी से सुरक्षा प्राप्त की थी। महिला ने कहा कि लेकिन मेरे पति के परिवार के सदस्यों को अभी भी पुलिस और मेरे परिवार द्वारा परेशान किया जा रहा है। मैं गर्भवती हूं। मेरे पति और ससुराल वालों को मेरे पिता और भाई से नियमित रूप से धमकियां मिलती हैं और हम पुलिस सुरक्षा चाहते हैं। मैंने इस संबंध में एसएसपी से मुलाकात की है।
अतिरिक्त एसपी (ग्रामीण) राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि महिला के परिवार ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी को बहकाया गया है, उसका अपहरण कर लिया गया है, उसकी जबरदस्ती शादी कर दी गई है और उसे इस्लाम धर्म कबूल कराया गया है। भूता पुलिस स्टेशन में आईपीसी और धर्मातरण विरोधी कानून धारा 363 (अपहरण) और 366 (एक महिला को उसकी शादी के लिए मजबूर करने के लिए अपहरण) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस को कानून के अनुसार कार्रवाई करनी पड़ी और शिकायत में आरोपी बनाए गए लोगों से ही पूछताछ की गई है।
एएसपी ने कहा कि पुलिस ने बाद में मामले में उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन किया। उन्होंने कहा कि महिला अब आगे आई है और हमने उसका बयान दर्ज कर लिया है और 164 सीआरपीसी के तहत उसका बयान दर्ज करने के लिए अदालत में एक आवेदन भेजा है। हम अदालत के आदेश के अनुसार आगे कदम उठाएंगे।