रिश्वत के बदले छोड़े गए तस्कर
20 अगस्त की रात को तत्कालीन इंस्पेक्टर रामसेवक ने स्मैक तस्कर आलम, नियाज अहमद और अशनूर को हिरासत में लिया था। बाद में उन्होंने सात लाख रुपये की रिश्वत लेकर आलम और नियाज को रिहा कर दिया। यह मामला एसएसपी अनुराग आर्य के संज्ञान में आने के बाद गंभीर हो गया। जांच के दौरान 21 अगस्त को एसपी सिटी मानुष पारीक ने थाने में छापा मारा, लेकिन रामसेवक सरकारी पिस्टल और 10 कारतूस लेकर फरार हो गया। छापेमारी में उसके कमरे से 9.84 लाख रुपये बरामद हुए।
दोनों तस्कर मुकदमे में नामजद
सीओ हाईवे नितिन कुमार, जो इस मामले की विवेचना कर रहे हैं, ने बताया कि तस्कर आलम और नियाज को मुकदमे में नामजद कर उन्हें नोटिस तामील कराया गया है। वहीं, इंस्पेक्टर रामसेवक की गिरफ्तारी पर लगी रोक की अवधि खत्म हो चुकी है, और जल्द ही उनकी गिरफ्तारी होगी।
भ्रष्टाचार और पिस्टल गबन का मामला
रामसेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और सरकारी पिस्टल गबन के तहत दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। एसएसपी अनुराग आर्य ने रामसेवक को निलंबित कर उनकी गिरफ्तारी के आदेश दिए थे, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट से 60 दिन का स्टे ले लिया था। अब यह अवधि समाप्त हो चुकी है, और पुलिस किसी भी वक्त उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।