गाला गैलेक्सी वालों का भी तीन करोड़ का मुआवजा फर्जी बरेली सदर के गांव वरकापुर में गाला गैलेक्सी के मालिक ममता मनचन्दा, वरुण मनचन्दा, सुनील मनचन्दा का 3 करोड़ 96 लाख 21,604/- का प्रतिकर भुगतान का आकलन किया गया। जबकि वास्तविक भुगतान 93,69,279 होना है। गाला वालों से सरकार को 3 करोड़ 02 लाख,52,325/- की राजस्व हानि हुई। नवाबगंज के गांव खाईखेड़ा में कमला भारतीय पत्नी विक्षेन्द्र पाल भारतीय 15,68,869/- का प्रतिकर प्राप्त किया गया। इनको 5,89,967 प्रतिकर देना था। उन्होंने 9,78,902/- की धनराशि अधिक प्राप्त की गयी। ग्राम रिठौरा में अशोक कुमार गुप्ता, अंजनी देवी, अशोक कुमार गुप्ता को 16 लाख 83 हजार 281 का प्रतिकर भुगतान किया गया। जबकि 6,21,519/- का प्रतिकर देय बन रहा है। इस प्रकार 10 लाख 61 हजार 762/- की अनुमानित राजस्व हानि हुई है। गाला गैलेक्सी मालिक वरुण मनचंदा ने बताया कि उन्हें मुआवजे का एक रुपया भी नहीं मिला है।
इन्होने धोखाधड़ी कर करोड़ों हड़पे, अब होगी वसूली हाइवे के लिये 36 गांव के 2932 किसानों की 701 गाटाओं के क्षेत्रफल 74.0888 हेक्टेयर निजी भूमि के अधिग्रहण के लिये 2,43,12,53,255/- प्रतिकर निर्धारित हुआ है। इसके सापेक्ष 2295 लाभार्थियों के क्षेत्रफल 66.1235 हेक्टेयर के लिये 2,16,16,27,202/-धनराशि का भुगतान किया गया है। इसमें 637 कृषकों के 68 गाटाओं में 7.9653 हेक्टेयर की 26,96,26,053 प्रतिकर भुगतान शेष है। नवाबगंज के ग्राम गरगइया, की रुखसाना पत्नी शमशाद की जमीन का दो बार अधिग्रहण किया गया। साईं सत्या एवं एसए इन्फ्रास्ट्रक्चर कन्सेलटेंसी, इंजीनियर रविन्द्र गंगवार ने प्रापर्टी की फर्जी वैल्यू दिखाई। झूठी मूल्यांकन रिपोर्ट देकर रुखसाना को दोनों मामलों में 8 करोड़ 58 लाख ,39,227/- का भुगतान किया गया। उनसे 1 करोड़ 68 लाख 87,384 की वसूली की जायेगी।
इन अफसरों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा
परिसम्पत्ति के अधिक मूल्यांकन के लिए एन.एच.ए.आई. के साइट इंजीनियर व नामित एजेन्सी साई सत्या ग्रुप और एसए इन्फ्रास्ट्रक्चर कन्सेलटेंसी, तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता पीडब्ल्यूडी नारायण सिंह, सहायक अभियन्ता, स्नेहलता श्रीवास्तव तथा अधिशासी अभियन्ता, अवर अभियन्ता राकेश कुमार व अंकित सक्सेना एवं अमीन शिव शंकर दोषी हैं। सुरेश सक्सेना, तत्कालीन लेखपाल, तहसील नवाबगंज, उमाशंकर लेखपाल तहसील सदर , डम्बर सिंह, तत्कालीन अमीन, सुरेन्द्र सिंह, तत्कालीन अवर अभियन्ता दोषी पाए गए।
परिसम्पत्ति के अधिक मूल्यांकन के लिए एन.एच.ए.आई. के साइट इंजीनियर व नामित एजेन्सी साई सत्या ग्रुप और एसए इन्फ्रास्ट्रक्चर कन्सेलटेंसी, तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता पीडब्ल्यूडी नारायण सिंह, सहायक अभियन्ता, स्नेहलता श्रीवास्तव तथा अधिशासी अभियन्ता, अवर अभियन्ता राकेश कुमार व अंकित सक्सेना एवं अमीन शिव शंकर दोषी हैं। सुरेश सक्सेना, तत्कालीन लेखपाल, तहसील नवाबगंज, उमाशंकर लेखपाल तहसील सदर , डम्बर सिंह, तत्कालीन अमीन, सुरेन्द्र सिंह, तत्कालीन अवर अभियन्ता दोषी पाए गए।
शाहिद, वाहिद और मुजीब से होगी आठ करोड़ की वसूली बरेली सदर के गांव सरनिया में मो शाहिद पुत्र हनीफ अहमद, मुजीब अहमद पुत्र मो. हस्सीम, मो वाहिद पुत्र हनीफ अहमद 12 करोड़ 48 लाख 72,386 रुपये देय प्रतिकर दिया गया। भूमि के प्रतिकर धनराशि 6,05,30,000/- तथा परिसम्पत्तियों के प्रतिकर की धनराशि रू0 5,91,28,514/-(परिसम्पत्तियों के मूल्य का दोगुना) है एवं ब्याज की धनराशि रू0 52,13,872/- है। ज्यादा वैल्यू दिखाकर 5 करोड़ 41 लाख 31,468/- की राजस्व हानि की गई। इससे 3 करोड़ 29,12,665/- की राजस्व हानि हुई। भूमि एवं परिसम्पत्ति को लेकर मुआवजा 12 करोड़ 48 लाख 72,386 उचित नहीं है। पूरे मामले में 8 करोड़ 70 लाख 44,133/- की अनुमानित राजस्व हानि हुई।
नवाबगंज में भी करोड़ों की धोखाधड़ी
नवाबगंज के गांव सिथरा में ब्रिक्स पार्टनर/प्रबन्धक महेश चन्द्र पुत्र रतन लाल अग्रवाल के नाम दर्ज है। उनका मुआवजा 3 करोड़ 33 लाख 75,140 का आकलन किया गया। इसमें 2 करोड़ 30 लाख 95,227 की राजस्व हानि हुई। इसके अलावा गलत भू उपयोग परिवर्तन कर ब्रिक्स पार्टनर/प्रबन्धक महेश चन्द्र 1,38,54,863/- का मुआवजा आकलन किया गया। जबकि वास्तविक मूल्यांकन 46 लाख 44,000 एवं ब्याज रू0 2,25,965/- कुल रू0 48,69,965/- का प्रतिकर देय होता। इसमें 89 लाख 84 हजार 898/- की राजस्व हानि हुई। नवाबगंज के गांव लभेड़ा उर्फ बुलन्दनगर, अब्दुल शमी खां, अब्दुल वशी खां, को 4 करोड़ 54 लाख 095,833 मुआवजा आकलन किया गया। इसमें 2 करोड़ 51 लाख 44,165 की राजस्व हानि हुई। दूसरे मामले में अब्दुल शमी खां, अब्दुल वशी खां को 5,करोड़ 00,35,888/- का प्रतिकर भुगतान दिया जाना था। इसिमें 2 करोड़ 18 लाख 43,187 की राजस्व हानि हुई है।
नवाबगंज के गांव सिथरा में ब्रिक्स पार्टनर/प्रबन्धक महेश चन्द्र पुत्र रतन लाल अग्रवाल के नाम दर्ज है। उनका मुआवजा 3 करोड़ 33 लाख 75,140 का आकलन किया गया। इसमें 2 करोड़ 30 लाख 95,227 की राजस्व हानि हुई। इसके अलावा गलत भू उपयोग परिवर्तन कर ब्रिक्स पार्टनर/प्रबन्धक महेश चन्द्र 1,38,54,863/- का मुआवजा आकलन किया गया। जबकि वास्तविक मूल्यांकन 46 लाख 44,000 एवं ब्याज रू0 2,25,965/- कुल रू0 48,69,965/- का प्रतिकर देय होता। इसमें 89 लाख 84 हजार 898/- की राजस्व हानि हुई। नवाबगंज के गांव लभेड़ा उर्फ बुलन्दनगर, अब्दुल शमी खां, अब्दुल वशी खां, को 4 करोड़ 54 लाख 095,833 मुआवजा आकलन किया गया। इसमें 2 करोड़ 51 लाख 44,165 की राजस्व हानि हुई। दूसरे मामले में अब्दुल शमी खां, अब्दुल वशी खां को 5,करोड़ 00,35,888/- का प्रतिकर भुगतान दिया जाना था। इसिमें 2 करोड़ 18 लाख 43,187 की राजस्व हानि हुई है।