80 वार्डों को चार जोन में बांटा
नगर निगम बरेली ने शहर के 80 वार्डों को चार जोन में बांट दिया है। शहर की आबादी तकरीबन 15 लाख है। केंद्रीयकृत व्यवस्था होने की वजह से लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए भी नगर निगम के चक्कर लगाने पड़ते थे। फरियादियों की भीड़ हर दिन निगम में जुटती थी। जिनका समय से निस्तारण करा पाना निगम के लिए भी मुश्किल था। पिछले दिनों डीएम आर विक्रम सिंह ने नगर निगम का जायजा लिया तो उन्हें इस समस्या के बारे में पता चला। उन्होंने नगर आयुक्त को वार्डों को चार जोन में बांटने के निर्देश दिए थे। उसी के मद्देनजर शहर को चार जोन में बांट दिया गया है।
नगर निगम बरेली ने शहर के 80 वार्डों को चार जोन में बांट दिया है। शहर की आबादी तकरीबन 15 लाख है। केंद्रीयकृत व्यवस्था होने की वजह से लोगों को छोटे-छोटे काम के लिए भी नगर निगम के चक्कर लगाने पड़ते थे। फरियादियों की भीड़ हर दिन निगम में जुटती थी। जिनका समय से निस्तारण करा पाना निगम के लिए भी मुश्किल था। पिछले दिनों डीएम आर विक्रम सिंह ने नगर निगम का जायजा लिया तो उन्हें इस समस्या के बारे में पता चला। उन्होंने नगर आयुक्त को वार्डों को चार जोन में बांटने के निर्देश दिए थे। उसी के मद्देनजर शहर को चार जोन में बांट दिया गया है।
इन इलाकों में होंगे जोनल ऑफिस
अब नगर निगम मुख्यालय, सतीपुर, सीबीगंज और प्रेमनगर जोनल ऑफिस होंगे। नगर आयुक्त राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यहां से जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, सभी निर्माण कार्यों से संबंधित काम, सीवर, वाटर सप्लाई और हाउस टैक्स, जमीन संबंधी लेखा जोखा के काम हो सकेंगे।
अब नगर निगम मुख्यालय, सतीपुर, सीबीगंज और प्रेमनगर जोनल ऑफिस होंगे। नगर आयुक्त राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि यहां से जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, सभी निर्माण कार्यों से संबंधित काम, सीवर, वाटर सप्लाई और हाउस टैक्स, जमीन संबंधी लेखा जोखा के काम हो सकेंगे।
लोगों ने पहल का किया स्वागत
दरअसल बरेली एक ऐसा शहर है, जो मुख्य सड़क से ज्यादा पेचीदा गलियों में बसता है। उनके लिए नगर निगम पहुंचना इन मायनों में मुश्किल है कि गलियों में सवारियां आसानी से नहीं मिलती है। दूसरा जनता को काम कराने के विशेष तौर पर नगर निगम आना पड़ता है। इस लिहाज से नगर निगम की ये पहल उनके लिए लाभप्रद साबित होगी, जो दूर दराज से अपने काम के लिए निगम आते थे। इस व्यवस्था से माना जा रहा है कि नगर निगम की आय भी बढ़ जाएगी। वहीं नगर निगम की इस पहल का लोगों ने भी स्वागत किया है।
दरअसल बरेली एक ऐसा शहर है, जो मुख्य सड़क से ज्यादा पेचीदा गलियों में बसता है। उनके लिए नगर निगम पहुंचना इन मायनों में मुश्किल है कि गलियों में सवारियां आसानी से नहीं मिलती है। दूसरा जनता को काम कराने के विशेष तौर पर नगर निगम आना पड़ता है। इस लिहाज से नगर निगम की ये पहल उनके लिए लाभप्रद साबित होगी, जो दूर दराज से अपने काम के लिए निगम आते थे। इस व्यवस्था से माना जा रहा है कि नगर निगम की आय भी बढ़ जाएगी। वहीं नगर निगम की इस पहल का लोगों ने भी स्वागत किया है।