अनुभव प्रमाण पत्र का इस्तेमाल होने पर हुआ खुलासा यह घोटाला तब सामने आया जब “बालाजी कंस्ट्रक्शन” नामक फर्म के अनुभव प्रमाण पत्र का इस्तेमाल “मै. नेचरस इंटरप्राइजेज” नाम की फर्म ने नगर निगम के नाली और सड़कों के निर्माण के ठेकों के लिए किया। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यह फर्म ठेका प्राप्त करने में सफल रही। जब बालाजी कंस्ट्रक्शन के मालिक हनी को इस धोखाधड़ी की जानकारी हुई, तो उन्होंने तुरंत इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की।
जिला पंचायत के फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाए बालाजी कंस्ट्रक्शन के मालिक हनी ने बताया कि उनकी फर्म ने जिला पंचायत में कई काम किए थे, जिनके अनुभव प्रमाण पत्र को फर्जी तरीके से बदलकर नगर निगम में ठेके हासिल किए गए। उन्होंने इस फर्जीवाड़े के खिलाफ सीएम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई और फर्जी फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की मांग की। दूसरी ओर, मै. नेचरस इंटरप्राइजेज के सहयोगी नईम ने कहा कि फर्म की मालकिन तंजीम की तबीयत खराब है और वह दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं।
नगर निगम में जिला पंचायत के प्रमुख अधिकारी को भेजी थी चिट्ठी नगर निगम के एक्सईएन ने जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को एक पत्र लिखकर फर्जीवाड़े की जांच के लिए कहा। जांच में पाया गया कि मै. नेचरस इंटरप्राइजेज नामक कोई फर्म जिला पंचायत में पंजीकृत नहीं है और उनके नाम से कोई अनुभव प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया था।
टेंडर कमेटी की लापरवाही नगर निगम के ठेकों की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए पूर्व नगरायुक्त निधि गुप्ता वत्स ने एक टेंडर जांच कमेटी का गठन किया था, जिसमें मुख्य अभियंता, एक्सईएन और सहायक लेखाधिकारी शामिल थे। इस कमेटी का काम था कि सभी टेंडरों के दस्तावेजों की गहनता से जांच की जाए, लेकिन मै. नेचरस इंटरप्राइजेज द्वारा प्रस्तुत फर्जी दस्तावेजों की अनदेखी की गई और फर्म को ठेका दे दिया गया।
वर्जन:
मेयर डॉ. उमेश गौतम ने कहा कि ठेका देने में गंभीर लापरवाही हुई है और इसके लिए टेंडर कमेटी और संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा गया है। फर्जी फर्म को ठेका देने में किसकी भूमिका रही, इसकी जांच की जा रही है।
मेयर डॉ. उमेश गौतम ने कहा कि ठेका देने में गंभीर लापरवाही हुई है और इसके लिए टेंडर कमेटी और संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा गया है। फर्जी फर्म को ठेका देने में किसकी भूमिका रही, इसकी जांच की जा रही है।