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दरअसल कोरोना के कारण प्रतिदिन स्लॉट्स में कमी आई है। आंकड़ो के मुताबिक नए लाइसेंस के लिए पूर्व में जहां 300 स्लॉट्स होते थे, वहीं अब केवल 250 स्लॉट्स हैं। डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए भी पहले 300 स्लॉट्स की व्यवस्था थी। अब यह भी 250 तक आ गए हैं। कमोबेश रिन्युवल के लिए भी स्थिति बराबर है।
दरअसल कोरोना के कारण प्रतिदिन स्लॉट्स में कमी आई है। आंकड़ो के मुताबिक नए लाइसेंस के लिए पूर्व में जहां 300 स्लॉट्स होते थे, वहीं अब केवल 250 स्लॉट्स हैं। डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए भी पहले 300 स्लॉट्स की व्यवस्था थी। अब यह भी 250 तक आ गए हैं। कमोबेश रिन्युवल के लिए भी स्थिति बराबर है।
दलालों की मदद लेने के मजबूर-
इसके चलते बरेली में करीब 12000 आवेदकों को लंबी वेटिंग का इंतेजार करना पड़ रहा है। यही कारण है कि आवेदक को मजबूर होकर दलालों का सहारा बनना पड़ रहा है। इससे कम समय में घर बैठे उनका काम हो जा रहा है।
इसके चलते बरेली में करीब 12000 आवेदकों को लंबी वेटिंग का इंतेजार करना पड़ रहा है। यही कारण है कि आवेदक को मजबूर होकर दलालों का सहारा बनना पड़ रहा है। इससे कम समय में घर बैठे उनका काम हो जा रहा है।
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सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मनोज सिंह का कहना है कि मुख्यालय से स्लॉट्स में कमी किए जाने के लिए वेटिंग बढ़ गई है। इसी को लेकर मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। वहां से जैसे ही आदेश आता है, स्लॉट्स बढ़ा दिए जाएंगे, जिससे आवेदकों की समस्या का समाधान हो।
सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी मनोज सिंह का कहना है कि मुख्यालय से स्लॉट्स में कमी किए जाने के लिए वेटिंग बढ़ गई है। इसी को लेकर मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। वहां से जैसे ही आदेश आता है, स्लॉट्स बढ़ा दिए जाएंगे, जिससे आवेदकों की समस्या का समाधान हो।