ससुर से हलाला के बाद बनी माँ सम्भल की रहने वाली महिला का निकाह 2015 में मोहम्मद नूर के साथ हुआ था। निकाह के बाद से ही ससुराल में उसे दहेज में कार लाने के लिए परेशान किया जाने लगा। और निकाह के तीन माह बाद ही 24 दिसंबर 2015 को महिला के शौहर ने उसे तलाक दे दिया। महिला ने अदालत में मुकदमा किया तो शौहर समझौते के लिए दबाव डालने लगा। समझौते के बाद महिला एक बार फिर ससुराल में रहने लगी। जब ससुराल वालों ने मुफ्तियों से राय ली तो हलाला करने की बात सामने आई। और पीड़ित महिला का जबरन ससुर के साथ हलाला कराया गया। महिला का कहना है कि जब वो इद्दत में थी तो उसके पति ने उसके साथ रेप किया जिसके कारण वो गर्भवती हो गई तो पति ने बदनामी के डर गर्भपात कराने की कोशिश की किसी तरह से महिला ससुराल से आजाद होकर मायके पहुंची और बच्चे को जन्म दिया जिसके बाद पति अब बच्चे और उसको अपनाने को तैयार नहीं है।
मुकदमे के हुए आदेश हलाला पीड़ित महिला और अन्य तलाक पीड़ित महिलाएं मेरा हक फाउंडेशन की अध्यक्ष फरहत नकवी के साथ राज्य अल्पसंख्यक आयोग पहुंची जहाँ पर चेयरमैन से मिलकर हलाला पीड़ित ने अपनी दर्द भरी कहानी चेयरमैन को सुनाई। फरहत नकवी ने बताया कि अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन ने तुरंत एक्शन लेते हुए मुरादाबाद डीएम को हलाला पीड़ित महिला के पति, ससुर और मौलवियों पर एफआईआर कराने के निर्देश दिए है। फरहत नकवी ने बताया कि उन्होंने आयोग से तलाक पीड़ित महिलाओं को रोजगार देने की मांग भी की है।