इन छात्रों पर लगे आरोप
बीएएमएस छात्रों व सछास पदाधिकारियों पर विद्यार्थियों से रुपये लेकर काम कराने के आरोप भी लग रहे हैं। समाजवादी छात्र सभा के बैनर तले विगत दिनों बीएएमएस छात्रों ने परिसर में हंगामा किया था।
विश्वविद्यालय के सुरक्षा प्रभारी सुधांशु शर्मा की ओर से दी गई तहरीर में सछास पदाधिकारी अविनाश मिश्रा, विक्रांत पाल, अभिषेक यादव, करण सिंह और धनवंतरि आयुर्वेदिक महाविद्यालय के छात्र कार्तिक चौधरी व गंगाशील आयुर्वेदिक महाविद्यालय के छात्र आदर्श कुमार सहित अन्य छात्रों पर परिसर में हंगामा व तोड़फोड़ करने का आरोप हैं।
बीएएमएस छात्रों व सछास पदाधिकारियों पर विद्यार्थियों से रुपये लेकर काम कराने के आरोप भी लग रहे हैं। समाजवादी छात्र सभा के बैनर तले विगत दिनों बीएएमएस छात्रों ने परिसर में हंगामा किया था।
विश्वविद्यालय के सुरक्षा प्रभारी सुधांशु शर्मा की ओर से दी गई तहरीर में सछास पदाधिकारी अविनाश मिश्रा, विक्रांत पाल, अभिषेक यादव, करण सिंह और धनवंतरि आयुर्वेदिक महाविद्यालय के छात्र कार्तिक चौधरी व गंगाशील आयुर्वेदिक महाविद्यालय के छात्र आदर्श कुमार सहित अन्य छात्रों पर परिसर में हंगामा व तोड़फोड़ करने का आरोप हैं।
परीक्षा नियंत्रक और कर्मचारियों को बनाया था बंधक
तहरीर के अनुसार सभी ने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में दोपहर 12 से शाम पांच बजे तक तोड़फोड, अराजकता व विवि के अधिकारियों के साथ अभद्रता की। इन्होंने गाली गलौज भी की थी। कार्यालय में अंदर से ताला लगाकर परीक्षा नियंत्रक और कर्मचारियों को बंधक बनाकर सरकारी कार्यों में बाधा डाली। सभी को पुलिस बुलाकर मुक्त कराना पड़ा। महिला स्टाफ से धक्का-मुक्की करने के भी आरोप हैं।
तहरीर के अनुसार सभी ने परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में दोपहर 12 से शाम पांच बजे तक तोड़फोड, अराजकता व विवि के अधिकारियों के साथ अभद्रता की। इन्होंने गाली गलौज भी की थी। कार्यालय में अंदर से ताला लगाकर परीक्षा नियंत्रक और कर्मचारियों को बंधक बनाकर सरकारी कार्यों में बाधा डाली। सभी को पुलिस बुलाकर मुक्त कराना पड़ा। महिला स्टाफ से धक्का-मुक्की करने के भी आरोप हैं।
व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर हो रही थी उगाही
आरोप है कि समाजवादी छात्रसभा के पदाधिकारी और बीएएमएस छात्र पूरक परीक्षा का चुनौती मूल्यांकन फॉर्म खुलवाने के संबंध में अनधिकृत रूप से उगाही कर रहे थे। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप ‘चैलेंज 24’ बनाया था। इसमें दो छात्रों ने अन्य छात्रों से 500 रुपये चुनौती मूल्यांकन के लिए मांगे थे। कुछ विद्यार्थियों ने भुगतान भी कर दिया था, जिसके स्क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं। मामले में विवि ने एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
आरोप है कि समाजवादी छात्रसभा के पदाधिकारी और बीएएमएस छात्र पूरक परीक्षा का चुनौती मूल्यांकन फॉर्म खुलवाने के संबंध में अनधिकृत रूप से उगाही कर रहे थे। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप ‘चैलेंज 24’ बनाया था। इसमें दो छात्रों ने अन्य छात्रों से 500 रुपये चुनौती मूल्यांकन के लिए मांगे थे। कुछ विद्यार्थियों ने भुगतान भी कर दिया था, जिसके स्क्रीनशॉट वायरल हो रहे हैं। मामले में विवि ने एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
उगाही के आरोप निराधार
वहीं, सछास जिलाध्यक्ष अविनाश मिश्रा ने कहा कि उगाही के आरोप निराधार हैं। कोई भी कार्यकर्ता या पदाधिकारी इसमें शामिल नहीं है। जो छात्र इसमें शामिल हैं, उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। विश्वविद्यालय स्तर से भी मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है। अमित पांडेय, इंस्पेक्टर बारादरी ने बताया कि विवि के सुरक्षा प्रभारी की तहरीर पर छह नामजद सहित कई अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, सछास जिलाध्यक्ष अविनाश मिश्रा ने कहा कि उगाही के आरोप निराधार हैं। कोई भी कार्यकर्ता या पदाधिकारी इसमें शामिल नहीं है। जो छात्र इसमें शामिल हैं, उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए। विश्वविद्यालय स्तर से भी मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है। अमित पांडेय, इंस्पेक्टर बारादरी ने बताया कि विवि के सुरक्षा प्रभारी की तहरीर पर छह नामजद सहित कई अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
एक पक्षीय की गई है कार्रवाई
इस मामले में समाजवादी छात्रसभा के महानगर अध्यक्ष विक्रांत यादव ने कहा कि छात्रहितों और विश्वविद्यालय की तानाशाही के विरोध में आंदोलन किया था। जिसमें वहां पर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे लेकिन सत्ता के दबाव में दो दिन बाद सिर्फ एक पक्षीय कार्रवाई की गई है ताकि छात्रहित में भविष्य में कोई आवाज न उठा सके।
इस मामले में समाजवादी छात्रसभा के महानगर अध्यक्ष विक्रांत यादव ने कहा कि छात्रहितों और विश्वविद्यालय की तानाशाही के विरोध में आंदोलन किया था। जिसमें वहां पर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे लेकिन सत्ता के दबाव में दो दिन बाद सिर्फ एक पक्षीय कार्रवाई की गई है ताकि छात्रहित में भविष्य में कोई आवाज न उठा सके।