बरेली

भाजपा नेताओं ने खोली मुख्यमंत्री के सामने सिस्टम की पोल, कहा कार्यकर्ता तड़प कर मर रहे, सीएमओ नहीं उठाते फोन

CM Yogi Adityanath के सामने केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक समेत भाजपा नेताओं ने ही इसकी पूरी हकीकत खोलकर रख दी है

बरेलीMay 09, 2021 / 12:21 pm

Karishma Lalwani

CM Yogi Adityanath

बरेली. ऑक्सीजन (Oxygen) की कालाबाजारी और अफसरों की लापरवाही से हर कोई परेशान है। आम आदमी से लेकर मंत्री, विधायक और कार्यकर्ताओं पर भी मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है। भाजपा (BJP) के ही कार्यकर्ता कोरोना से मर रहे हैं लेकिन इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के सामने केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक समेत भाजपा नेताओं ने ही इसकी पूरी हकीकत खोलकर रख दी है। उनका कहना है कि उनके कार्यकर्ता तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। सीएमओ हैं कि फोन नहीं उठाते। जिलाधिकारी भी मदद नहीं करते। स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारियों ने भी खुद को इस मुसीबत से नदारद कर रखा है। विधायकों ने कहा कि आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट पांच से छह दिन में आती है। तब तक पूरा परिवार संक्रमित हो चुका होता है। अगर जांच रिपोर्ट 24 से 48 घंटे के भीतर आ जाए, तो इससे संक्रमण से बचा जा सकता है।
50 फीसदी छूट की मांग

बरेली में खाली ऑक्सीजन सिलेंडर की बहुत कमी पड़ गयी है, जिसका मुख्य कारण शहर के काफी लोगों में ऑक्सीजन सिलेंडर अपने घरों में एहतियात के तौर पर रख लिए है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कोरोना से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि मध्य प्रदेश की तरह ऑक्सीजन प्लांट लगाने वाले अस्पतालों को 50 फीसदी छूट दी जाये। उन्होंने शिकायत की है कि बरेली में मेडिकल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण अधिकारी फोन नहीं उठाते हैं। इससे मरीजों को काफी असुविधा हो रही है। उन्होंने आग्रह किया कि कोविड के मरीजों को सभी प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती कराया जाए सके। प्राइवेट अस्पताल में कोविड की सुविधा दी जाए। जो अस्पताल आयुष्मान भारत से जुड़े हैं वहां भी कोविड इलाज की सुविधा दी जाए।
30 टन ऑक्सीजन की आवश्यकता

विधायक डॉ. अरुण कुमार ने कहा है कि बरेली में 30 टन ऑक्सीजन की प्रतिदिन आवश्यकता है। एक बार ऑक्सीजन खत्म हो जाए तो 30 से 36 घंटे में ऑक्सीजन उपलब्ध हो पाता है। इससे परेशानी बढ़ जाती है। इस बीच कई मरीजों की हालत और खराब हो जाती है। उन्होंने कहा कि बरेली में वेंटिलेटर, आईसीयू बेड, ऑक्सीजन बेड की बहुत ज्यादा कमी है। सभी प्राइवेट हॉस्पिटल नर्सिंग होम को कोविड-19 के लिए मरीजों को भर्ती करने की अनुमति दी जाये।
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