ये भी पढ़ें नगर आयुक्त ने भाजपा नेताओं को दिखाई ताकत, डिप्टी मेयर और पार्षद धरने पर बैठे क्या है मामला नगर आयुक्त आईएएस अफसर सैमुअल पॉल एन ने नगर निगम का चार्ज लेते ही अपने तेवर दिखा दिया थे। दरअसल में नगर आयुक्त की पहल पर पोर्टेबल शॉप आवंटन की सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच की थी जांच के बाद शहर कोतवाली में पार्षद विनोद सैनी और व्यापारी नेता दर्शन लाल भाटिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। आरोप है कि इन लोगो ने अन्य लोगों के साथ मिलकर नो वेंडिंग जोन में पोर्टेबल शॉप फड़ व्यपारियो से पैसे लेकर लगवा दी। जिसकी जानकारी नगर निगम को नही थी। मामला संज्ञान में आने के बाद रातो रात पोर्टेबल शॉप हटवा दी गई। मामले में डीएम के आदेश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने जांच की और जांच रिपोर्ट आने के बाद कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवा दी गई। एफआईआर के बारे में जानकारी होते ही तमाम पार्षद और डिप्टी मेयर अनिश्चितकालीन धरने पर नगर आयुक्त के ऑफिस के बाहर बैठ गए।
ये भी पढ़ें भाजपा मेयर उमेश गौतम को पद से हटाने की याचिका दायर councilor protest in his own government Section 144 applicable” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2019/06/12/nagar_nigam_1_2472338_835x547-m_4698710-m.jpg”>लगातार जारी है धरना पार्षद और व्यापारी नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद एक जून से लगातार पार्षद नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना दे रहे हैं। इस पूरे मामले की जानकारी शासन को भी दे दी गई है। नगर आयुक्त इस बीच छुट्टी पर भी चले गए बावजूद इसके पार्षदों का धरना प्रदर्शन जारी है। मामले की जानकारी शासन और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तक को दी गई है बावजूद इसके अफसर और पार्षदों का टकराव थमने का नाम नहीं ले रहा है और अब धारा 144 लागू होने के बाद टकराव और ज्यादा बढ़ने के आसार है।
ये भी पढ़ें मेयर उमेश गौतम ने एक साल का दिया हिसाब, अगले साल के लिए किया ये बड़ा वायदा पहली बार लगी धारा 144
नगर निगम के जानकार बताते है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है कि नगर निगम में धारा 144 लगाई गई हो। बरसात आने वाली है और नाला सफाई का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है ऐसे में पार्षदों और अफसरों के बीच चल रहे टकराव का खामियाजा जनता को ही भुगतना पड़ेगा। पिछले वर्ष बारिश में बरेली के तमाम मोहल्ले जलमग्न हो गए थे।
नगर निगम के जानकार बताते है कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है कि नगर निगम में धारा 144 लगाई गई हो। बरसात आने वाली है और नाला सफाई का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है ऐसे में पार्षदों और अफसरों के बीच चल रहे टकराव का खामियाजा जनता को ही भुगतना पड़ेगा। पिछले वर्ष बारिश में बरेली के तमाम मोहल्ले जलमग्न हो गए थे।