रेक्सोजेसिक ब्रांड के इंजेक्शन से शुरू हुई जांच
करनाल में रेक्सोजेसिक ब्रांड का प्रतिबंधित ब्यूप्रीनारफिन इंजेक्शन बेचे जाने की जानकारी पर एनसीबी ने जांच शुरू की थी। मामले में आगरा के दवा कारोबारी संजीव गुप्ता को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने बरेली के दीपक पांडेय का नाम लिया, जो प्रतिबंधित इंजेक्शनों की आपूर्ति में शामिल था। दीपक को सूचना मिलते ही मुरादाबाद भागने की कोशिश की, लेकिन एनसीबी ने लोकेशन ट्रैक कर उसे गिरफ्तार कर लिया और बरेली लाकर पूछताछ की। उसने बताया कि इंजेक्शन की सप्लाई प्रयाग फार्मा के जरिए की जा रही थी।
प्रयाग फार्मा और श्री राधा मेडिकल स्टोर पर कार्रवाई
एनसीबी ने प्रयाग फार्मा की जांच की, जहां प्रतिबंधित इंजेक्शनों की खरीद-बिक्री के कच्चे बिल मिले, लेकिन स्टॉक नहीं मिला। इसके बाद टीम ने श्री राधा मेडिकल स्टोर पर छापा मारा, लेकिन वहां ताला बंद मिला। टीम ने नोटिस चस्पा कर कार्रवाई की प्रक्रिया आगे बढ़ाई।
लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश
ड्रग इंस्पेक्टर अनामिका अंकुर जैन ने बताया कि जांच में जुटाए गए सबूतों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। रिपोर्ट को सहायक आयुक्त औषधि को सौंपा जाएगा, जिसमें दोनों मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की जाएगी। नशे का बड़ा नेटवर्क उजागर एनसीबी की इस कार्रवाई से बरेली में नशे के इंजेक्शन की आपूर्ति करने वाले नेटवर्क का बड़ा खुलासा हुआ है। माना जा रहा है कि यह कारोबार किसी बड़े दवा माफिया के इशारे पर संचालित हो रहा था। हालांकि, अब तक केवल इन दो मेडिकल स्टोर्स की भूमिका सामने आई है, लेकिन इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है।