घरों से निकलने वाला सूखा, गीला कूड़ा अब इन वाहनों के जरिए एमआरएफ (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर तक भेजा जाएगा। पहले फेज में 200 ई-रिक्शा खरीदे जा रहे हैं। इन रिक्शों की खास बात यह है कि इन्हें डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए लगाया जाएगा और यह संकरी गलियों तक कूड़ा कलेक्शन करेंगे। दिसंबर से इन रिक्शों का संचालन शुरू हो जाएगा।
संकरी गलियों में भी आसानी से पहुंचेगी कूड़ा उठाने वाली गाड़ी नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग और डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में डीजल वाहन और हाथ वाले रिक्शों का इस्तेमाल करता है। हाथ वाले रिक्शा अधिक घरों तक नहीं पहुंच पा रहे थे। इस व्यवस्था को बेहतर करने के लिए नगर निगम ने नये वाहनों को लगाने की कवायद तेज कर दी है। कूड़े के वाहनों को बैट्री संचालक वाहनों में बदला जा रहा है। इसके लिए पहले चरण में नगर निगम ने 200 ई-रिक्शा की खरीद की है। इन रिक्शों को आसानी से संकरी गलियों में भी ले जाया जा सकता है।
डीजल पर खर्च धनराशि की होगी बचत नगर निगम कूड़े को ढोने के लिए डीजल के वाहनों का इस्तेमाल करता है। इस पर हजारों रुपये नहीं बल्कि लाखों रुपये खर्च हो जाते हैं। इसे खत्म करने के लिए निगम ने बेट्री वाले वाहनों में शिफ्ट करने का निर्णय काफी समय पहले लिया था। लेकिन वाहनों की खरीद नहीं हो पाई थी। इस बार इन वाहनों की खरीद कर ली है। अपर नगरायुक्त अजीत कुमार सिंह ने बताया कि ई-रिक्शा वाहनों को डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए लगाया जाएगा। शहर में कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था को बेहतर किया जा रहा है। इससे लोगों को समय से कूड़ा उठाने की सहूलियत मिलेगी।