उसी दिन धनंजय को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत भी दे दी थी। कोर्ट का यह फैसला तब आया था, जब जौनपुर पुलिस धनंजय को लेकर बरेली के लिए निकल चुकी थी। रास्ते में ही थे, तभी उनकी जमानत की खबर आ गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने धनंजय की 7 साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।
धनंजय को इंजीनियर अभिनव सिंघल के अपहरण-रंगदारी मामले में MP-MLA कोर्ट ने 6 मार्च को 7 साल की सजा सुनाई थी। नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर ने 10 मई 2020 को जौनपुर के लाइन बाजार थाने में धनंजय सिंह व उनके साथियों के खिलाफ रंगदारी, अपहरण की संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इंजीनियर ने कहा था कि धनंजय अपने साथी विक्रम के साथ पिस्टल लेकर आए और जबरन रंगदारी मांगी।
बता दें, धनंजय सिंह को जौनपुर एमपी एमएलए कोर्ट से सजा होने के बाद बीएसपी के टिकट पर उनकी पत्नि श्री कला रेड्डी चुनावी मैदान में हैं।अब हाईकोर्ट से धनंजय सिंह को जमानत मिली है तो वह जौनपुर में प्रचार करते हुऐ जरूर दिखाई देंगे। सीधे तौर पर कह सकतें हैं कि जौनपुर की लड़ाई त्रिकोणीय हो चुकी है।बीजेपी ने जौनपुर से कृपा शंकर सिंह और सपा गठबन्धन से बाबू सिंह कुशवाहा उम्मीदवार हैं तो वहीं बीएसपी के टिकट पर धनंजय सिंह की पत्नी चुनाव लड़ रहीं हैं। अब धनंजय सिंह के जेल से बाहर आने के बाद जौनपुर में लड़ाई त्रिकोणी होती दिख रही है।