बरेली

दुनिया भर के 50 प्रभावशाली मुस्लिमों में शामिल अजहरी मियां का इंतकाल

बरेलवी मसलक के अलम्बरदार मुफ़्ती अख्तर रजा खां कादरी अजहरी मियां के निधनल से बरेलवियों में शोक की लहर।

बरेलीJul 21, 2018 / 12:10 pm

धीरेंद्र यादव

Azahari Miyan

बरेली। इस्लाम धर्म के बड़े धर्म गुरु और बरेलवी मसलक के अलम्बरदार मुफ़्ती अख्तर रजा खां कादरी अजहरी मियां का शुक्रवार को इंतकाल हो गया। ताजुश्शरीया अजहरी मियां लम्बे समय से बीमार चल रहे थे और तबीयत बिगड़ने पर उन्हें चार दिन पहले मिशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को तबियत में सुधार होने पर उन्हें दरगाह आला हजरत स्थित उनके घर ले आया गया था, लेकिन शुक्रवार देर शाम उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके इंतकाल की ख़बर फैलते ही देश विदेश में उनके अकीदतमंदों में गम की लहर दौड़ गई। अजहरी मियां के इंतकाल की ख़बर पर देर रात हजारों लोग दरगाह आला हजरत स्थित उनके घर पर एकत्र हो चुके थे। देर रात तय हुआ है कि नमाज ए जनाजा रविवार सुबह दस बजे इस्लामिया कॉलेज के मैदान में होगी।
ये भी पढ़ें – राहुल गांधी, अमर सिंह और संजय दत्त जैसी हस्तियों से भी नहीं मिले थे अजहर मियां

मिस्र से लौटे तो कहलाए अजहरी मियां
आला हजरत खानदान में पैदा हुए अजहरी मियां की पूरी जिंदगी मसलके आला हजरत को आगे बढ़ाने में गुजरी। आला हजरत की अनगिनत किताबों का उन्होंने उर्दू में तर्जुमा भी किया है। अजहरी मियां की नातिया शायरी देश ही नहीं विदेशों में भी काफी पसंद की जाती है। अजहरी मियां का जन्म दो फरवरी 1943 को हुआ था। उनकी शुरुआती तालीम मदरसा दारूल उलूम मंजरे इस्लाम मे हुई। उन्होंने यहां पर उर्दू के अलावा फारसी की भी तालीम हासिल की। 1952 में इस्लामियां इंटर कॉलेज में दाखिला लेकर उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी की भी तालीम हासिल की। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो 1963 में मजहबी तालीम हासिल करने के लिए मिस्र के शहर काहिरा की विश्व प्रसिद्ध अजहरिया यूनिवर्सिटी चले गए और वहां से तालीम लेने के बाद 1966 में वापस लौटे, तभी से उनके नाम के आगे अजहरी लग गया।
ये भी पढ़ें – यहां कीजिए महाकवि गोपाल दास नीरज के अंतिम दर्शन

ताजुश्शरीया पर लिखी गईं कई किताबें
अजहरी मियां पर कई किताबें लिखी गईं हैं। इसमे फिलहाल जो किताबें सामने हैं। उसमें हयात ताजुश्शरीया, करामाते ताजुश्शरीया और नवदिरात ताजुश्शरीया है। यह सभी किताबें मौलाना शहाबुद्दीन ने लिखी हैं। इसके अलावा एक और किताब जो छप रही है वो है सऊदी हुकूमत के जुल्म की कहानी ताजुश्शरीया की जुबानी। यह किताब भी जल्द आएगी।
हर कदम दरगाह की ओर
अजहरी मियां के पर्दा करने की खबर जैसे ही उनके मुरीदों तक पहुंची बाजार बंद हो गए और हर कोई दरगाह स्थित उनके घर पहुंचने लगा। देर रात तक हजारों की संख्या में मुरीद दरगाह पर पहुंच चुके थे। अजहरी मियां के इंतकाल की सूचना पर देश ही नहीं विदेशों से भी उनके मुरीद बरेली पहुंच रहे हैं। अजहरी मियां की नमाज ए जनाजा रविवार को सुबह दस बजे इस्लामिया इंटर कॉलेज में होगी।

Hindi News / Bareilly / दुनिया भर के 50 प्रभावशाली मुस्लिमों में शामिल अजहरी मियां का इंतकाल

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.