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आला हजरत खानदान में पैदा हुए अजहरी मियां की पूरी जिंदगी मसलके आला हजरत को आगे बढ़ाने में गुजरी। आला हजरत की अनगिनत किताबों का उन्होंने उर्दू में तर्जुमा भी किया है। अजहरी मियां की नातिया शायरी देश ही नहीं विदेशों में भी काफी पसंद की जाती है। अजहरी मियां का जन्म दो फरवरी 1943 को हुआ था। उनकी शुरुआती तालीम मदरसा दारूल उलूम मंजरे इस्लाम मे हुई। उन्होंने यहां पर उर्दू के अलावा फारसी की भी तालीम हासिल की। 1952 में इस्लामियां इंटर कॉलेज में दाखिला लेकर उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी की भी तालीम हासिल की। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो 1963 में मजहबी तालीम हासिल करने के लिए मिस्र के शहर काहिरा की विश्व प्रसिद्ध अजहरिया यूनिवर्सिटी चले गए और वहां से तालीम लेने के बाद 1966 में वापस लौटे, तभी से उनके नाम के आगे अजहरी लग गया।
आला हजरत खानदान में पैदा हुए अजहरी मियां की पूरी जिंदगी मसलके आला हजरत को आगे बढ़ाने में गुजरी। आला हजरत की अनगिनत किताबों का उन्होंने उर्दू में तर्जुमा भी किया है। अजहरी मियां की नातिया शायरी देश ही नहीं विदेशों में भी काफी पसंद की जाती है। अजहरी मियां का जन्म दो फरवरी 1943 को हुआ था। उनकी शुरुआती तालीम मदरसा दारूल उलूम मंजरे इस्लाम मे हुई। उन्होंने यहां पर उर्दू के अलावा फारसी की भी तालीम हासिल की। 1952 में इस्लामियां इंटर कॉलेज में दाखिला लेकर उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी की भी तालीम हासिल की। कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद वो 1963 में मजहबी तालीम हासिल करने के लिए मिस्र के शहर काहिरा की विश्व प्रसिद्ध अजहरिया यूनिवर्सिटी चले गए और वहां से तालीम लेने के बाद 1966 में वापस लौटे, तभी से उनके नाम के आगे अजहरी लग गया।
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अजहरी मियां पर कई किताबें लिखी गईं हैं। इसमे फिलहाल जो किताबें सामने हैं। उसमें हयात ताजुश्शरीया, करामाते ताजुश्शरीया और नवदिरात ताजुश्शरीया है। यह सभी किताबें मौलाना शहाबुद्दीन ने लिखी हैं। इसके अलावा एक और किताब जो छप रही है वो है सऊदी हुकूमत के जुल्म की कहानी ताजुश्शरीया की जुबानी। यह किताब भी जल्द आएगी।
अजहरी मियां पर कई किताबें लिखी गईं हैं। इसमे फिलहाल जो किताबें सामने हैं। उसमें हयात ताजुश्शरीया, करामाते ताजुश्शरीया और नवदिरात ताजुश्शरीया है। यह सभी किताबें मौलाना शहाबुद्दीन ने लिखी हैं। इसके अलावा एक और किताब जो छप रही है वो है सऊदी हुकूमत के जुल्म की कहानी ताजुश्शरीया की जुबानी। यह किताब भी जल्द आएगी।
हर कदम दरगाह की ओर
अजहरी मियां के पर्दा करने की खबर जैसे ही उनके मुरीदों तक पहुंची बाजार बंद हो गए और हर कोई दरगाह स्थित उनके घर पहुंचने लगा। देर रात तक हजारों की संख्या में मुरीद दरगाह पर पहुंच चुके थे। अजहरी मियां के इंतकाल की सूचना पर देश ही नहीं विदेशों से भी उनके मुरीद बरेली पहुंच रहे हैं। अजहरी मियां की नमाज ए जनाजा रविवार को सुबह दस बजे इस्लामिया इंटर कॉलेज में होगी।
अजहरी मियां के पर्दा करने की खबर जैसे ही उनके मुरीदों तक पहुंची बाजार बंद हो गए और हर कोई दरगाह स्थित उनके घर पहुंचने लगा। देर रात तक हजारों की संख्या में मुरीद दरगाह पर पहुंच चुके थे। अजहरी मियां के इंतकाल की सूचना पर देश ही नहीं विदेशों से भी उनके मुरीद बरेली पहुंच रहे हैं। अजहरी मियां की नमाज ए जनाजा रविवार को सुबह दस बजे इस्लामिया इंटर कॉलेज में होगी।