लाइव ऑडियो प्रसारण की व्यवस्था
मरकज़े अहले सुन्नत बरेली शरीफ का फतवा यह है कि वीडियोग्राफी नाजायज़ है। इसलिए आलाहज़रत के उर्स की वीडियोग्राफी नहीं होती और न ही इसका वीडियो प्रसारण किया जाता है, मगर दुनिया के कोने-कोने में बसे आला हज़रत और मरकजे़ अहले सुन्नत से आस्था रखने वाले उर्से रज़वी के प्रोग्रामों को सुनने की ललक रखते हैं। उनके लिए और दूर-दराज़ के अक़ीदतमंद जो किसी कारणवश उर्स में शरीक नहीं हो पाते हैं। उनको उर्से रज़वी के समस्त आयोजनों में की जाने वाली तकरीरों को सुनवाने के लिए लाइव ऑडियो प्रसारण की व्यवस्था की गयी है।
मरकज़े अहले सुन्नत बरेली शरीफ का फतवा यह है कि वीडियोग्राफी नाजायज़ है। इसलिए आलाहज़रत के उर्स की वीडियोग्राफी नहीं होती और न ही इसका वीडियो प्रसारण किया जाता है, मगर दुनिया के कोने-कोने में बसे आला हज़रत और मरकजे़ अहले सुन्नत से आस्था रखने वाले उर्से रज़वी के प्रोग्रामों को सुनने की ललक रखते हैं। उनके लिए और दूर-दराज़ के अक़ीदतमंद जो किसी कारणवश उर्स में शरीक नहीं हो पाते हैं। उनको उर्से रज़वी के समस्त आयोजनों में की जाने वाली तकरीरों को सुनवाने के लिए लाइव ऑडियो प्रसारण की व्यवस्था की गयी है।
99 संख्या का खास महत्व
इस संबंध में उर्स प्रभारी आसिफ मियां ने बताया कि इस साल 13,14, 5 नवंबर को आला हज़रत अज़ीमुल बरकत फाजिले बरेलवी अलैहिर्रहमा का 99वां उर्स हो रहा है। आसिफ मियां ने यह भी बताया कि 99 की संख्या का इस्लाम और मुसलमानों में बहुत महत्व है क्योंकि अल्लाह के 99 नाम हैं। इस वजह से इस 99वें उर्स को लेकर पूरी दुनिया के सुन्नी बरेलवी मुसलमानों में बेहद उत्साह देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही क्योंकि अगले वर्ष 100वां उर्स है। जिसकी भव्य तैयारियों की पटकथा और रूपरेखा इसी 99वें उर्स में लिखी जायेगी। इसलिए इस साल 99वें उर्स के आयोजन के लिए हमारे ऊपर बहुत जिम्मेदारियां हैं। इन्हें सुचारू रूप से पूरा करने के लिए हमारी पूरी टीम दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां और सज्जादानशीं दरगाहे आला हज़रत अहसन मियां तथा टीटीएस के समस्त सदस्यों तथा कार्यकर्ता अभी से रातों-दिन मेहनत कर रहे हैं।
इस संबंध में उर्स प्रभारी आसिफ मियां ने बताया कि इस साल 13,14, 5 नवंबर को आला हज़रत अज़ीमुल बरकत फाजिले बरेलवी अलैहिर्रहमा का 99वां उर्स हो रहा है। आसिफ मियां ने यह भी बताया कि 99 की संख्या का इस्लाम और मुसलमानों में बहुत महत्व है क्योंकि अल्लाह के 99 नाम हैं। इस वजह से इस 99वें उर्स को लेकर पूरी दुनिया के सुन्नी बरेलवी मुसलमानों में बेहद उत्साह देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही क्योंकि अगले वर्ष 100वां उर्स है। जिसकी भव्य तैयारियों की पटकथा और रूपरेखा इसी 99वें उर्स में लिखी जायेगी। इसलिए इस साल 99वें उर्स के आयोजन के लिए हमारे ऊपर बहुत जिम्मेदारियां हैं। इन्हें सुचारू रूप से पूरा करने के लिए हमारी पूरी टीम दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां और सज्जादानशीं दरगाहे आला हज़रत अहसन मियां तथा टीटीएस के समस्त सदस्यों तथा कार्यकर्ता अभी से रातों-दिन मेहनत कर रहे हैं।
वीडियो प्रसारण नहीं होता
उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां ने बताया कि इस 99वें उर्स-ए-रज़वी के महत्व को देखते हुए इसके समस्त आयोजनों को दुनिया के कोने-कोने में सुनवाने हेतु इस लाइव प्रसारण की ज़िम्मेदारी आईटी सेल के अध्यक्ष मोहम्मद जुबैर रज़ा खान को दी गयी है। उन्हें अधिकृत किया गया है कि दरगाह की वेबसाइट पर उर्स के लाइव ऑडियो टेलीकास्ट का इंतेज़ाम किया जाये। जिससे दुनिया भर से आला हज़रत के अक़ीदतमंद इसका फायदा उठा सकें। याद रखें कि उर्स का कोई भी प्रोग्राम दरगाह की तरफ़ से वीडियो द्वारा प्रसारित नहीं किया जाता सिर्फ ऑडियो का ही प्रसारण किया जाता है।
उर्स प्रभारी सय्यद आसिफ मियां ने बताया कि इस 99वें उर्स-ए-रज़वी के महत्व को देखते हुए इसके समस्त आयोजनों को दुनिया के कोने-कोने में सुनवाने हेतु इस लाइव प्रसारण की ज़िम्मेदारी आईटी सेल के अध्यक्ष मोहम्मद जुबैर रज़ा खान को दी गयी है। उन्हें अधिकृत किया गया है कि दरगाह की वेबसाइट पर उर्स के लाइव ऑडियो टेलीकास्ट का इंतेज़ाम किया जाये। जिससे दुनिया भर से आला हज़रत के अक़ीदतमंद इसका फायदा उठा सकें। याद रखें कि उर्स का कोई भी प्रोग्राम दरगाह की तरफ़ से वीडियो द्वारा प्रसारित नहीं किया जाता सिर्फ ऑडियो का ही प्रसारण किया जाता है।
यहां सुन सकते हैं लाइव
मोहम्मद जुबैर रज़ा खान ने बताया कि उर्स-ए-रज़वी के सभी प्रोग्राम तीनों दिन दुनिया के किसी भी हिस्से से इन्टरनेट पर लाइव सुने जा सकेंगे। इतना ही नहीं बल्कि जो लोग अपने मोबाइल पर इन्टरनेट इस्तेमाल करते हैं वह भी आसानी से उर्स-ए-रज़वी के लाइव प्रोग्राम सुन सकेंगे। उर्से-ए-रज़वी के लाइव ऑडियो प्रोग्राम सुनने के लिये दरगाह आला हज़रत की अधिकृत वेबसाइट www.aalahazrat.in व www.ala-hazrat.com तथा फेसबुक पर fb.com/ursealahazrat सुन सकते हैं।
मोहम्मद जुबैर रज़ा खान ने बताया कि उर्स-ए-रज़वी के सभी प्रोग्राम तीनों दिन दुनिया के किसी भी हिस्से से इन्टरनेट पर लाइव सुने जा सकेंगे। इतना ही नहीं बल्कि जो लोग अपने मोबाइल पर इन्टरनेट इस्तेमाल करते हैं वह भी आसानी से उर्स-ए-रज़वी के लाइव प्रोग्राम सुन सकेंगे। उर्से-ए-रज़वी के लाइव ऑडियो प्रोग्राम सुनने के लिये दरगाह आला हज़रत की अधिकृत वेबसाइट www.aalahazrat.in व www.ala-hazrat.com तथा फेसबुक पर fb.com/ursealahazrat सुन सकते हैं।