पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी ने बताया कि 24 जून को मृतक के छोटे भाई आशिक अहमद निवासी वार्ड 29 बजरंग नगर छीपाबडौद ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था उसका बड़ा भाई हकीम खान (40) निवासी ढोलम ईदगाह के पास छबडा रास्ते वाली कॉलोनी छीपाबडौद में पत्नि व बच्चों के साथ रहता था। वह स्मैक पीने का आदि था। देर रात उसे हकीम खान मकान के बाहर मरा पड़ा होने की सूचना मिली थी। इस पर परिजनों के साथ मौके पर देखा तथा पुलिस को सूचना दी। रिपोर्ट में हकीम की पत्नी रईसा बानो उर्फ रानी पर हत्या करने का शक जताया गया था। इस पर मुकदमा दर्ज कर टीम गठित की गई खुलासा करने के निर्देश दिए गए। पर थाना प्रभारी विजय सिंह की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए घटना का पर्दाफाश कर मृतक की पत्नी रईसा बानो उर्फ रानी व उसके प्रेमी फारूख हुसैन, सुपारी लेने वाले दोनों आरोपी आशिफ खान व रिजवान खान को गिरफ्तार किया।
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तीसरी बार में सफल हुई योजना
हत्या करने की दो अलग-अलग साजिश रची थी। पहली साजिश में मृतक का बीमा करवाने के बाद हत्या करने के बारे में सोचा। ताकि बीमा राशि में से तीन लाख आशिफ व रिजवान को दे देंगे और बाकी दोनों रख लेंगे तथा दूसरी साजिश में हत्या कर शव कुए में फेंकने की थी, लेकिन यह दोनों साजिश सफल नहीं हुई तो एक लाख रुपए देना तय किया। पहले 22 जून को हत्या करना तय किया, लेकिन सफल नहीं हुए। अगले दिन 23 जून को आशिफ व रिजवान दोनों को फारूख व रईसा ने हकीम खान की हत्या करने के लिए घर बुलाया। उसी दिन शाम को फारूख अपने घर छबडा चला गया। ताकि उस पर हत्या का कोई शक नहीं करे। फिर रात करीब नौ बजे आशिफ व रिजवान दोनों हकीम के घर पहुंचे। उसके बाद दोनों रईसा के साथ मकान की छत गए तथा वहां सो रहे हकीम की दुपट्टे से तीनों ने गला घोंटकर हत्या करके लाश छत से नीचे दीवार के पास फेंक दिया। यह भी पढ़ें