ठंडी हवाओं ने बदली दिनचर्या, रबी फसलों ने पकड़ी चाल, विद्यार्थियों से लेकर सब्जी-फल व दूध शहर लाने वाले किसानों पर असर बारां/छबड़ा. नवंबर माह के अंत में अब मौसम का मिजाज सर्द हो गया है। सर्दी ने अपने तेवर दिखाना शुरू किया तो हर कोई गर्म कपड़ों में नजर आने लगा है। बुधवार को सुबह से लेकर शाम तक मौसम सामान्य ही रहा, लेकिन शाम के बाद सर्दी ने अचानक से गियर बदला और इससे गलन का अहसास बढ़ गया। इस दौरान न्यूनतम तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई।
दिसंबर रहेगा सर्द मौसम के जानकारों के अनुसार अगले माह कड़ाके की सर्दी का असर रहेगा। लेकिन वर्तमान में सुबह व शाम को अधिक सर्दी का असर दिख रहा है। दोपहर तेज में धूप सर्दी से राहत दे रही है। तापमान के गिरने से फसलों को लाभ हो रहा है और फसलों ने अब चाल पकड़ ली है। गांवों से लेकर शहर में चौक-चौराहों पर अलाव भी जलने लगे है।
सर्दी से ये हो रहे सबसे अधिक प्रभावित इस मौसम में सुबह जल्दी स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों से लेकर सब्जी-फल व दूध शहर लाने वाले किसानों पर सर्दी का असर देखा जा रहा है। बढ़ती सर्दी के साथ आम लोगों की दिनचर्या में भी बदलाव देखा जा रहा है। जिले में बुधवार को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री और अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस रहा। इस बीच हवा में नमी का प्रतिशत 45 रहा। हवा की अधिकतम गति 8 किमी प्रतिघंटा दर्ज की गई। सुबह हल्के कोहरे के कारण ²श्यता 200 मीटर रही।
दिसंबर रहेगा सर्द मौसम के जानकारों के अनुसार अगले माह कड़ाके की सर्दी का असर रहेगा। लेकिन वर्तमान में सुबह व शाम को अधिक सर्दी का असर दिख रहा है। दोपहर तेज में धूप सर्दी से राहत दे रही है। तापमान के गिरने से फसलों को लाभ हो रहा है और फसलों ने अब चाल पकड़ ली है। गांवों से लेकर शहर में चौक-चौराहों पर अलाव भी जलने लगे है।
खेतों में शुरू हो गई किसानों की हलचल अफीम व रबी सीजन की फसलों की बोवनी पूरी हो चुकी है और किसान अब ङ्क्षसचाई कार्य में लगे हुए हैं। ऐसे में सर्दी का असर बढऩे को फसलों के लिए अनुकूल माना जा रहा है। सर्दी बढऩे के साथ फसलों ने भी अपनी चाल पकड़ ली है। ग्रामीण अंचल में फसलों की ङ्क्षसचाई का क्रम दिन-रात चल रहा है। इसी कारण किसान खेतों पर ही फसलों के कामों में लगा हुआ है।
शीतलहर चलने का जताया पूर्वानुमान मौसम के जानकारों की माने तो उत्तरी व पहाड़ी क्षेत्र में बर्फबारी और सर्द हवाओं के कारण क्षेत्र में लगातार तापमान गिरने का क्रम जारी है। इसी के चलते सर्दी का असर बढ़ रहा है। दिसंबर माह में इसी कारण कड़ाके की सर्दी का असर रहेगा। साथ ही कोल्ड वेव चलने की आशंका भी जताई जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्र के असर के कारण तापमान लुढक़ेगा तो सर्दी बढ़ेगी।
दिनचर्या भी बदली बढ़ती सर्दी के असर के कारण अब हर किसी की दिनचर्या में बदलाव देखा जा रहा है। लोग देर से घरों से बाहर निकल रहे है तो सुबह व शाम सर्दी के कारण बाजार में लोगों की आवाजाही कम हो रही है। गर्म कपड़ों में लिपटे हुए लोग घरों से बाहर निकल रहे है। सुबह के समय वाहन चालकों को कोहरे के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लगातार तेज सर्द हवाएं आमजन को बीमार कर रही है। अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। चिकित्सकों ने अलर्ट भी जारी किया है।
इन दिनों तापमान में हो रहा उतार-चढ़ाव सेहत के लिए हानिकारक है। ऐसे में बच्चों और बुजुर्गों को खास ख्याल रखने की जरूरत है। गर्म कपड़ों का प्रयोग, ताजा और गर्म खाना, अस्थमा वालों को मास्क का प्रयोग करना चाहिए।
डॉ. चंद्रभान श्रीवास्तव, आयुर्वेद चिकित्सक, छबड़ा