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पांच शुभयोगों में किया जाएगा श्रीहरि का पूजन

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि जगत के नाथ भगवान विष्णु व मुख्यत: उनके वामन अवतार को समर्पित होती है। इस दिन योगिनी एकादशी मनाई जाती है। इस बार यह पांच शुभयोगों के संयोग में 2 जुलाई को मनाई जाएगी। वैष्णव समाज के लोग व्रत रख विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की पूजा करेंगे। शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए विशेष उपाय भी करेंगे। भगवान विष्णु, श्रीराम व श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष पूजन होंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार एकादशी तिथि 01 जुलाई को सुबह 10.26 बजे शुरू होगी। 02 जुलाई को सुबह 08.42 बजे समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि अनुसार 2 जुलाई को एकादशी मनाई जाएगी। ज्योतिर्विदों ने बताया कि योगिनी एकादशी पर शिववास योग का निर्माण भी होगा। इस दिन भगवान शिव सुबह 08.42 बजे तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार रहेंगे। भगवान शिव के कैलाश और नंदी पर विराजमान रहने के दौरान रुद्राभिषेक करने से साधक को सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्ति होती है।

बारांJun 29, 2024 / 11:30 am

mukesh gour

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि जगत के नाथ भगवान विष्णु व मुख्यत: उनके वामन अवतार को समर्पित होती है। इस दिन योगिनी एकादशी मनाई जाती है। इस बार यह पांच शुभयोगों के संयोग में 2 जुलाई को मनाई जाएगी। वैष्णव समाज के लोग व्रत रख विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की पूजा करेंगे। शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए विशेष उपाय भी करेंगे। भगवान विष्णु, श्रीराम व श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष पूजन होंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार एकादशी तिथि 01 जुलाई को सुबह 10.26 बजे शुरू होगी। 02 जुलाई को सुबह 08.42 बजे समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि अनुसार 2 जुलाई को एकादशी मनाई जाएगी। ज्योतिर्विदों ने बताया कि योगिनी एकादशी पर शिववास योग का निर्माण भी होगा। इस दिन भगवान शिव सुबह 08.42 बजे तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार रहेंगे। भगवान शिव के कैलाश और नंदी पर विराजमान रहने के दौरान रुद्राभिषेक करने से साधक को सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्ति होती है।

बारां. आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि जगत के नाथ भगवान विष्णु व मुख्यत: उनके वामन अवतार को समर्पित होती है। इस दिन योगिनी एकादशी मनाई जाती है। इस बार यह पांच शुभयोगों के संयोग में 2 जुलाई को मनाई जाएगी। वैष्णव समाज के लोग व्रत रख विधि-विधान से लक्ष्मी नारायण की पूजा करेंगे। शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए विशेष उपाय भी करेंगे। भगवान विष्णु, श्रीराम व श्रीकृष्ण मंदिरों में विशेष पूजन होंगे। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार एकादशी तिथि 01 जुलाई को सुबह 10.26 बजे शुरू होगी। 02 जुलाई को सुबह 08.42 बजे समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि अनुसार 2 जुलाई को एकादशी मनाई जाएगी। ज्योतिर्विदों ने बताया कि योगिनी एकादशी पर शिववास योग का निर्माण भी होगा। इस दिन भगवान शिव सुबह 08.42 बजे तक कैलाश पर विराजमान रहेंगे। इसके बाद नंदी पर सवार रहेंगे। भगवान शिव के कैलाश और नंदी पर विराजमान रहने के दौरान रुद्राभिषेक करने से साधक को सभी कार्यों में सिद्धि प्राप्ति होती है।
वामन अवतार की आराधना का महत्व

ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला के अनुसार, इन शुभयोगों में भगवान श्रीहरि का पूजन अत्यंत शुभफलदायी माना जाता है। धृति योग में घर का शिलान्यास करने से जीवन आनंदमय तरीके से व्यतीत होता है। सर्वार्थसिद्धि योग को लक्ष्मीनारायण की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है। त्रिपुष्कर योग में विष्णु भगवान के वामन अवतार की आराधना का महत्व है।
शुभयोगों में होगा विष्णुजी का पूजन

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन धृति योग का निर्माण सुबह 11.17 बजे तक है। इसके बाद 11.18 बजे से शूल योग का निर्माण होगा। त्रिपुष्कर योग सुबह 08.42 बजे से 03 जुलाई को सुबह 04.40 तक रहेगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग 2 जुलाई की सुबह 05.27 बजे से 03 जुलाई को सुबह 04.40 बजे तक रहेगा। ये योग विष्णु भगवान की पूजा के लिए उत्तम माने जाते हैं।

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